बंदर पकड़ने पर मिलेंगे एक हजार रुपये
वाईल्ड लाईफ कॉन्फलिकट विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में किया। इस कार्यशाला में मानव और वानर के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करने के प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें चर्चा म
कार्यशाला में चर्चा में कहा गया कि बंदरों को वैज्ञानी आधार पर पकड़ा नहीं जा रहा है। बंदरों के प्राकृतिक वास पर लोग पहुंच गए हैं। इस कारण बंदर इंसानी आबादी की ओर आ गए हैं। वनों में उगने वाले पौधों के फलों की बजाय बंदर भी वही भोजन कर रहे हैं, जिसे इंसान ग्रहण कर रहा है। खाद्य पदार्थो के कारण भी बंदरों के व्यवहार में बदलाव आ गया है। मादा बंदर जल्द गर्भधारण कर रही हैं। बंदर अधिक ¨हसक हो गए हैं। बंदरों को पकड़ने के लिए देंगे प्रशिक्षण : गोविंद ठाकुर वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिए लोगों की भागीदारी आवश्यक है। चार करेगा ताकि बंदरों की समस्या से निपटने के लिए और ठोस कदम उठाए जा सकें। प्रधान मुख्य अरण्यपाल डॉ. सविता ने कहा कि वन विभाग समय-समय पर गणना के माध्यम से बंदरों की संख्या पर निगरानी रख रहा है। उन्होने कहा कि हिमाचल में अब बंदरों की संख्या घटकर लगभग दो लाख रह गई है। हिमाचल की 91 तहसीलों, उपतहसीलों व नगर निगम शिमला में एक वर्ष की अवधि के लिए बंदर वर्मिन घोषित हैं। कार्यशाला में महापौर कुसुम सदरेट व उपमहापौर राकेश शर्मा भी मौजूद रहे। क्या करें -बंदर खाने की वस्तु छीनने के लिए आप पर झपटे तो उससे मुकाबला न करें बल्कि उस वस्तु को दूर फेंक दें। -बंदर से नजर न मिलाएं। -बंदर द्वारा किए गए हमले के दौरान एकजुट रहें। -खाने का सामान पॉलीथीन के लिफाफों की बजाय जूट के बैग में रखें। -कूड़ादान में कूड़ा डालने के बाद उसके ढक्कन को अच्छी तरह बंद करें। --------- क्या न करें -बंदरों को न चिढ़ाएं। -बंदरों का फोटो या उनके साथ सेल्फी न लें। -बंदरों को खाने वाली वस्तुएं न दें। -बंदर के बच्चे के साथ खेलने की कोशिश न करें। -यदि बंदर झगड़ रहे हों तो हस्तक्षेप न करें।