अफसर रिटायर होने के बाद भी नहीं छोड़ रहे सरकारी आवास, कइयों ने कर दिए सबलेट; पढ़ें खबर
राजधानी शिमला में नगर निगम के कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी आवास पर कब्जा जमाया हुआ है।
शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला में नगर निगम के कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी आवास पर कब्जा जमाया हुआ है। कृष्णा नगर, बस स्टैंड, बालूगंज, रामनगर में कई कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी आवासों में रह रहे हैं। इस कारण अन्य कर्मचारियों को आवास नहीं मिल रहे हैं। कर्मचारियों ने निगम की जमीन पर अवैध कब्जे कर मकान भी बना दिए हैं और कमरे किराये पर दे रखे हैं। कई कर्मचारियों के शिमला में अपने मकान हैं और उन्होंने निगम से आवास लेकर आगे सबलेट कर दिए हैं। वे निगम को 200 से 1000 रुपये देकर सबलेटिंग से हजारों वसूल रहे हैं।
अगले सप्ताह कमेटी निगम को सौंपेगी रिपोर्ट
अवैध कब्जों व सबलेटिंग के मामलों की जांच के लिए विधि आयुक्त जोगिंद्र चौहान की अध्यक्षता में गठित कमेटी अगले सप्ताह नगर निगम को रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी स्पॉट विजिट कर रिकॉर्ड खंगालने में जुट गई है। कमेटी ने रोड एवं भवन शाखा से रिकॉर्ड तलब किया है और इसके आधार पर जांच कर रही है। अवैध निर्माण और सबलेटिंग करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ निगम की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
कमेटी ने तीन जगह किया स्पॉट विजिट
नगर निगम की ओर से गठित कमेटी ने शुक्रवार को बालूगंज, कृष्णानगर, 103, रामनगर में स्पॉट विजिट किया। इस दौरान 100 से अधिक आवासों का निरीक्षण किया गया। दर्जनों अवैध निर्माण पाए गए हैं। कमेटी ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसे रिकॉर्ड के साथ मैच किया जाएगा और इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। शिमला शहर में नगर निगम की 14 कॉलोनियां हैं। इनमें 400 के करीब आवास हैं।
महापौर व उप महापौर के पास लगा रहे गुहार
निगम की कार्रवाई के बाद कर्मचारियों में अफरातफरी का माहौल बन गया है। निगम की कार्रवाई से बचने के लिए वे महापौर व उप महापौर के पास गुहार लगा रहे हैं। वीरवार को भी सफाई कर्मचारी यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल महापौर से मिला था और अवैध कब्जों पर की जा रही कार्रवाई से राहत देने की मांग की गई है। निगम द्वारा दो कर्मचारियों को अवैध निर्माण करने पर निलंबित किया गया है। इनकी बहाली की मांग भी यूनियन द्वारा की जा रही है।
निगम की टीम ने शुक्रवार को 100 से अधिक आवासों का निरीक्षण किया है। इस दौरान कई कर्मचारी ऐसे पाए गए जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उन्होंने निगम के आवास खाली नहीं किए हैं। कई स्थानों पर अवैध कब्जे भी मिले हैं। इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी और अगले सप्ताह निगम को सौंपी जाएगी। -जोगिंद्र चौहान, विधि आयुक्त, नगर निगम शिमला।