न्यू ओपीडी ब्लाक खुलने में अब निजी भूमि का विवाद
प्रदेश के सबसे बडे़ स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में अब निजी भूमि का विवाद सामने आया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सबसे बडे़ स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) में न्यू ओपीडी के खुलने में अब निजी भूमि का विवाद सामने आया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से पहले ही इसके लिए मंजूरी नहीं मिली है। अस्पताल एनजीटी से क्लीयरेंस के लिए औपचारिकताएं पूरी करने में जुटा हुआ है। वहीं अब निजी जमीन भी प्रशासन के सामने एक बड़ी समस्या बन चुकी है। अब इन दोनों की स्वीकृति मिलने के बाद ही ओपीडी खुलने का रास्ता साफ हो सकता है।
न्यू ओपीडी का काम लगभग पूरा हो चुका है। ओपीडी में अस्पताल की सभी 33 ओपीडी शिफ्ट होंगी। इस ओपीडी में मरीजों और तीमारदारों के बैठने व चेकअप करवाने सहित टेस्ट की उचित व्यवस्था होगी। नए भवन में ओपीडी व लेबोरेटरी टेस्ट के लिए नहीं भटकना होगा
आइजीएमसी की नई ओपीडी में मरीजों को इलाज करवाने व टेस्ट करवाने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। इस भवन में एक ही जगह तैयार की गई है, जहां मरीज सभी तरह के टेस्ट करवा सकते हैं और निश्चित समय में रिपोर्ट ले सकते हैं। अस्पताल के पुराने ब्लाकों में मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए भटकना पड़ता है। जगह की कमी के कारण पुराने ब्लाकों में अलग-अलग स्थानों पर ये सुविधाएं दी जाती हैं। न्यू ब्लाक में ये सुविधाएं एक ही जगह मिलने से मरीजों का समय बचेगा। अस्पताल में अधिक भीड़ से संक्रमण होने का खतरा
अस्पताल में प्रदेशभर से लोग इलाज के लिए आते हैं। आइजीएमसी में प्रतिदिन हजारों की संख्या में ओपीडी होती है। इससे अस्पताल की हर ओपीडी के बाहर लोग भीड़ लगाकर खड़े होकर अपनी बारी के इंतजार में रहते हैं। जबकि हर ओपीडी के बाहर कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी जानकारी के पोस्टर लगे हुए हैं, लेकिन लोग इस ओर कोई ध्यान न देते हुए भीड़ में कतार में खड़े रहते हैं। लगातार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष मामला उठाया जा रहा है। सरकार के स्तर पर भी मामला उठाया जा रहा है। निजी जमीन का कानूनी विवाद भी इसमें बाधा है। इन दोनों की स्वीकृति मिलने के बाद ही न्यू ओपीडी शुरू हो पाएगी। मरीजों की संख्या बढ़ने से भीड़ उनकी परेशानी बढ़ाती है। न्यू ओपीडी शुरू होने के बाद अस्पताल में जगह खुल जाएगी।
- डा. सुरेंद्र ठाकुर, प्रिसिपल, आइजीएमसी।