अब एक साथ हो सकेगी 13 शवों की अंतेष्टि
कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला व नगर निगम प्रशासन जुटे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला व नगर निगम प्रशासन जुटे हुए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में मौतों का आंकड़ा काफी रहा था, जिस कारण शहर के मोक्ष धाम छोटे पड़ने लगे थे। ऐसे में संभावित लीसरी लहर में परेशानी ज्यादा न हो, इसलिए अब मोक्ष धाम में पांच के बजाय 13 शव एक साथ जलाए जा सकते हैं। नगर निगम शिमला के प्रस्ताव पर काम करवाया जा रहा है।
शहर के कनलोग स्थित मोक्ष धाम में पांच शेड बना रखे हैं, यहां पर दूसरी लहर में शव जलाने के लिए लोगों को इंतजार भी करना पड़ा। उस समय ही मोक्ष धाम में तीन अतिरिक्त शेड बनाने की योजना बनाई। इलेक्ट्रिक सिस्टम में भी सुधार करने का प्लान किया। अब तीन नए शेड तो बना दिए हैं, लेकिन ग्राउंड में आठ शवों को एक साथ जलाने की क्षमता है। इससे एक ही समय में मोक्ष धाम की क्षमता 13 शव जलाने की हो गई है। वहीं इलेक्ट्रिकल सिस्टम को ठीक करवाने के लिए विदेश से प्रशिक्षित कर्मचारियों के आने का इंतजार है।
मोक्ष धाम के इंचार्ज संदीप सूद का कहना है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी लहर में एक साथ दिन में आठ से 10 शव भी पहुंचते रहे हैं। अभी तक भी 40 कोरोना मरीजों की अस्थियां लेने नहीं आए स्वजन
कोरोना के डर से लोग रिश्ते भी भूल गए हैं। राजधानी शिमला के कनलोग स्थित मोक्ष धाम में करीब 40 कोरोना मरीजों की अस्थियां लाकरूम में पड़ी हुई हैं। इनके स्वजन अस्थियां लेने भी नहीं आ रहे हैं। हालत यह है कि लाकर भी इन अस्थियों से भर चुके हैं। सूद सभा शिमला के अध्यक्ष संजय सूद ने उपायुक्त आदित्य नेगी से मिलकर सामूहिक अस्थि विसर्जन की मांग उठाई थी। पहले अंतिम संस्कार में भी नहीं आते थे स्वजन
कोरोना से मौत होने पर अंतिम संस्कार प्रशासन की ओर से करवाया जाता है। इसमें परिवार से कुछ सदस्यों को शामिल होने की अनुमति दी जाती है। कुछ लोगों के स्वजन तो अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए। आइजीएमसी शिमला में भी एक व्यक्ति का शव कई दिन तक पड़ा रहा। कनलोग मोक्ष धाम की देखभाल करने वाले जीवन सिह और भीमा राम अब तक 154 कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।