जल्द पूरा होगा न्यू ओपीडी ब्लाक का काम

प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में न्यू ओपीडी ब्लाक का काम जल्द पूरा होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 05:31 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 05:31 PM (IST)
जल्द पूरा होगा न्यू ओपीडी ब्लाक का काम
जल्द पूरा होगा न्यू ओपीडी ब्लाक का काम

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) में नया ओपीडी ब्लाक जल्द खुलने के आसार हैं। काम पूरा होते ही ओपीडी ब्लाक खोलने की तैयारी शुरू होगी। ओपीडी के प्रवेशद्वार के काम में तेजी लाने के लिए प्रशासन ने निर्माण कार्य करने वाली कंपनी को निर्देश दिए हैं। प्रदेश द्वार के समीप मरीजों के वाहनों को मोड़ने की जगह बनाई जा रही है और मरीजों को बैठने की व्यवस्था भी की जा रही है।

इसके अलावा गेट के समीप छोटा-सा वेटिग एरिया बनेगा जहां मरीज चेकअप के बाद रिपोर्ट के इंतजार करने और अपनी थकान मिटाने के लिए बैठ सकते हैं। मौजूदा समय में अस्पताल के इस एंट्रांस को पूरा करने का कार्य चल रहा है। इसके अलावा न्यू ओपीडी में अस्पताल की सभी 33 ओपीडी शिफ्ट होंगी। इससे मरीजों और तीमारदारों के बैठने व चेकअप करवाने सहित टेस्ट की उचित व्यवस्था होगी। अस्पताल में टेस्ट करवाने के लिए एक ही जगह तैयार की जा रही है जहां मरीज सभी प्रकार के टेस्ट करवा सकते हैं और निश्चित समय में रिपोर्ट ले सकते हैं।

अस्पताल के पुराने ब्लाकों में मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए भटकना पड़ता है। जगह की कमी के कारण पुराने ब्लाकों में अलग-अलग स्थानों पर यह सुविधाएं दी जाती हैं। नए ब्लाक में यह सुविधाएं एक ही जगह मिलने से मरीजों का समय बचेगा। आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डा. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रवेशद्वार का काम जल्द पूरा किया जाएगा। अस्पताल में खुलेगी जगह

आइजीएमसी में रोजाना दो से तीन हजार लोग विभिन्न ओपीडी में जांच करवाने पहुंचते हैं। तीमारदारों के साथ यह संख्या दोगुनी हो जाती है। इसके अलावा अस्पताल में 800 से 850 मरीज विभिन्न वार्डो में दाखिल रहते हैं। ऐसे में अस्पताल में कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना रहता है। मौजूदा समय में जगह की कमी के कारण कई ओपीडी और वार्ड छोटे-छोटे कमरों में हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने से भीड़ उनकी परेशानी बढ़ाती है। न्यू ओपीडी की सुविधा मिलने से अस्पताल में जगह खुल जाएगी। अस्पताल में उचित शारीरिक दूरी के नियम का पालन हो सकेगा। इससे अस्पताल में संक्रमण का खतरा घटेगा।

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