परीक्षा हुई नहीं, बच्चों से वसूले परीक्षा शुल्क से खरीदे जाएं मोबाइल फोन

कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने 10वीं और

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 05:02 PM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 05:02 PM (IST)
परीक्षा हुई नहीं, बच्चों से वसूले परीक्षा 
शुल्क से खरीदे जाएं मोबाइल फोन
परीक्षा हुई नहीं, बच्चों से वसूले परीक्षा शुल्क से खरीदे जाएं मोबाइल फोन

जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने 10वीं और 12वीं कक्षाओं की परीक्षाएं रद कर दी। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बच्चों से परीक्षा शुल्क के तौर पर 18 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं। राजकीय अध्यापक संघ ने बोर्ड से पूछा कि इन पैसों का क्या किया जा रहा है। शिमला में बुधवार को संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि 18 करोड़ रुपये बहुत बड़ी राशि है। सरकार इस राशि से गरीब व जरूरतमंद बच्चों के लिए मोबाइल फोन खरीदे। यदि मोबाइल फोन नहीं दे सकते तो इस फीस को सभी बच्चों को वापस करे।

उन्होंने कहा कि 10वीं व 12वीं दोनों ही कक्षाओं का केवल एक-एक पेपर हुआ है। परीक्षा का आयोजन करवाना, मूल्यांकन और परिणाम तैयार करने पर जो खर्च होता है, वो इस बार नहीं हुआ है। ऐसे में बोर्ड इस राशि को बच्चों पर ही खर्च करें। संघ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षामंत्री से मिलकर मांग की है कि बोर्ड को इस संबंध में निर्देश दिए जाएं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के कई अधिकारी संघ की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। यदि संघ की तरफ से कोई बयान जारी किया जाता है तो अगले ही दिन उन्हें शो काज नोटिस जारी कर दिया जाता है। यदि संघ के प्रति इनका रवैया ऐसा ही रहा तो शिक्षा निदेशालय में सद्बुद्धि यज्ञ करवाएंगे। शिक्षा मंत्री ने 23 जुलाई को राजकीय अध्यापक संघ को वार्ता का न्योता दिया है। इस दिन होने वाली बैठक में संघ लंबित मांगों को उठाएगा।

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