स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता, रामायण पढ़ाने की पैरवी

एसडीएम रामपुर के माध्यम से विश्व हिदू परिषद बजरंग दल ने शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को ज्ञापन भेज स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता व रामायण को पढ़ाने की मांग उठाई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:27 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:27 PM (IST)
स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता, रामायण पढ़ाने की पैरवी
स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता, रामायण पढ़ाने की पैरवी

संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : एसडीएम रामपुर के माध्यम से विश्व हिदू परिषद, बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को भेजा। ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश के स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता, रामायण व महाभारत को पाठ्यक्रम में शामिल करने का आग्रह किया गया। संगठनों ने बताया कि इन ग्रंथों को स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने से इतिहास का सामान्य ज्ञान मिलेगा और साथ ही बच्चे संस्कार भी हासिल कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी देशों में विद्यालय इसलिए खोले जाते हैं ताकि सामान्य ज्ञान, विज्ञान, व्यावसायिक ज्ञान, अपने जीवन, चरित्र व राष्ट्र के विकास में काम आने वाले ज्ञान संबंधी शिक्षा दी जाती है। सामान्यत: सरकारी स्कूलों में धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा आमतौर पर नहीं दी जाती है। जबकि कई राज्यों में श्रीमद्भागवत गीता को पढ़ाना शुरू कर दिया गया है। धर्म ग्रंथों की शिक्षा देने के लिए पहले से ही विभिन्न धर्मो के लोग अपने संस्थानों, मंदिरों व अन्य स्थानों में शिक्षा प्रदान भी कर रहे हैं। इसलिए हिदुओं के सभी पवित्र ग्रंथों को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना जरूरी है। धर्म ग्रंथों में कई तरह की सीख दी गई है, जिसे अपनाकर छात्र अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। सभी संगठनों ने सरकार से निवेदन किया है कि धर्म ग्रंथों को जल्द स्कूलों में शिक्षा का हिस्सा बनाया जाए।

इस दौरान विश्व हिदू परिषद नगर सह मंत्री चंद्र गौतम, प्रांत संयोजक बजरंग दल पवन समेला, विभाग मंत्री अनिता, संयोजक बजरंग दल संजीव नेगी व शिवया नेगी मौजूद रहे।

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