22 नगर परिषदों व 18 नगर पंचायतों में भाजपा को बहुमत : जयराम

राज्य ब्यूरो शिमला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि 22 नगर परिषदों व 1

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 08:02 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 08:35 PM (IST)
22 नगर परिषदों व 18 नगर पंचायतों में भाजपा को बहुमत : जयराम
22 नगर परिषदों व 18 नगर पंचायतों में भाजपा को बहुमत : जयराम

राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि 22 नगर परिषदों व 18 नगर पंचायतों में भारतीय जनता पार्टी के समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई है। अब जहां हमारी जीत हुई है वहां हम अध्यक्ष बनाएंगे, जहां कांग्रेस की जीत हुई वहां पर वह बनाए।

शिमला स्थित राज्य सचिवालय में सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को सलाह दी कि जीत के खोखले दावे करने के बजाय हार की हकीकत को स्वीकार करे। कांग्रेस को सुधार की जरूरत है, जिससे पीछे नहीं हटना चाहिए। जीत के झूठे दावें करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि नगर परिषद और नगर पंचायतों के सार्वजिनक हुए परिणामों में 75 फीसद से अधिक पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने जीत प्राप्त की है।

नगर निकायों में 74 फीसद मतदान के उत्साह का कारण सरकार की विकासात्मक योजनाएं हैं, जिनपर मतदाताओं ने मोहर लगाई। पंचायत चुनाव से पहले राज्यभर में 102 पंचायतें निर्विरोध चुनकर आई हैं। निर्विरोध चुनकर आई पंचायतों में 75 फीसद पंचायतें भाजपा समर्थित हैं। राज्य में कुल पंचायतों की संख्या 3615 है। राज्य में 29 नगर परिषद हैं, जिसमें से 22 नगर परिषदों में भाजपा को बहुमत मिला है। राज्य में 27 नगर पंचायतें हैं, जिनमें 6 नगर पंचायतें नयी बनी हैं और इनमें चुनाव नहीं हुआ। 21 नगर पंचायतों में से 18 नगर पंचायतो में भाजपा को बहुमत मिला है। उन्होंने प्रदेश के लोगों से आह्वान किया कि पंचायत चुनाव में लोग अधिकाधिक मतदान करें और स्वच्छ व इमानदार छवि के जनप्रतिनिधियों को चुनकर आगे लाएं। कोरोना टीकाकरण के तैयार

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाई जानी है। जिसके लिए हिमाचल प्रदेश में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए हर स्तर पर समूचे राज्य में तैयारियां हो चुकी है। सिमटकर रह गया किसान आंदोलन

जयराम ने कहा कि किसान आंदोलन छोटे से हिस्से में सिमटकर रह गया है। यह किसान आंदोलन नहीं, बल्कि कुछ और ही बन गया है। इस आंदोलन में हिमाचल, केरल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के किसान शामिल हुए। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने बातचीत के रास्ते को अपनाया है और आपसी संवाद से ही इसका हल निकलेगा।

chat bot
आपका साथी