सवारियों के लिए लंबा इंतजार कर रहे निजी बस चालक-परिचालक
कोरोना महामारी के कारण सभी शिक्षण संस्थान अभी तक बंद हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना महामारी के कारण सभी शिक्षण संस्थान अभी तक बंद हैं। प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण मामलों में आई कमी को देखते हुए बसों में 100 फीसद सीटों पर सफर करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस कारण शिमला में निजी बस चालकों व परिचालकों को बसों में सवारियों को भरने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। उन्हें सवारियां कम मिल रही हैं।
कई बार तो नौबत ऐसी आ जाती है कि बसों में केवल तीन से चार ही सवारियां होती हैं। ऐसे में चालक व परिचालक इंतजार करते हुए परेशान हो जाते हैं। ऐसे में लोग गंतव्य पर समय पर नहीं पहुंच पाते हैं। कई बार तो निजी बस चालक व परिचालक सवारियां कम मिलने पर बस रूट पर नहीं चलाते हैं। इससे लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। जब उनसे बात की जाए तो सवारियां कम होने के कारण रूट पर नहीं जाने की बात करते हैं।
बस परिचालक घनश्याम का कहना है कि कई बार तो दिन के समय बस में केवल दो-चार सवारियां ही होती हैं। इससे बस मालिकों को कुछ भी मुनाफा नहीं हो रहा है। बस चालकों का मानना है कि स्कूल, कार्यालय व कालेजों के पूरी तरह खुलने के बाद ही मुनाफा हो पाएगा। बस चालक रवि का कहना है कि पेट्रोल के दाम बढ़ गए हैं। सवारियां कम मिल रही हैं और मुनाफा नहीं हो रहा है। इससे बस का खर्चा भी पूरा नहीं होता है। समयसारिणी पर होती है बहस
निजी बस चालक-परिचालक कई बार बस रूट की समयसारिणी पर बहस करते नजर आते हैं। शिमला शहर में इन दिनों पर्यटन सीजन के कारण ट्रैफिक जाम लगना आम समस्या है। इस कारण बसों के दिनभर के बस रूट भी पूरे नहीं हो पाते हैं और चालक व परिचालक आपस में उलझ जाते हैं।