पैसे की कमी आधुनिक बस अड्डा निर्माण में रोड़ा

सुनील ग्रोवर ठियोग ऊपरी शिमला का प्रवेश द्वार माने जाने वाला ठियोग कस्बा आज तक एक बस अड्डे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 09:48 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 09:48 PM (IST)
पैसे की कमी आधुनिक बस अड्डा निर्माण में रोड़ा
पैसे की कमी आधुनिक बस अड्डा निर्माण में रोड़ा

सुनील ग्रोवर, ठियोग

ऊपरी शिमला का प्रवेश द्वार माने जाने वाला ठियोग कस्बा आज तक एक बस अड्डे के लिए तरस रहा है। कस्बे के जानोगघाट में निर्माणाधीन बस अड्डे का काम राजनीति के चक्रव्यूह में फंसकर रह गया है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वर्ष 2013 में बस अड्डे का शिलान्यास किया था लेकिन आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग इसका निर्माण पूरा नहीं कर पाया है।

1331 स्कवेयर मीटर में बनने वाले आधुनिक बस अड्डे के भवन निर्माण कार्य के साथ पेट्रोल पंप का काम भी वर्ष 2016 में आवंटित हुआ था वह भी अधूरा पड़ा है। विभाग ने इसका निर्माण कार्य पूरा होने के लिए जून 2021 का प्रस्तावित समय रखा था लेकिन धन की कमी के कारण यह अवधि और अधिक लंबी खिंचती दिखाई दे रही है। इस आधुनिक बस अड्डे में वर्कशॉप, एनएच से अड्डे तक पहुंचने वाली आधा किलोमीटर सड़क की टारिग, फर्श पर टाइलें लगाने आदि कई महत्वपूर्ण कार्य होने बाकी हैं। आधुनिक बस अड्डा निर्माण के लिए छह करोड़ रुपये की जरूरत

आधुनिक बस अड्डे के प्रोजेक्ट की अनुमानित राशि 14 करोड़ 59 लाख रखी गई थी जिसमें से विभाग के पास आठ करोड़ 55 लाख रुपये की राशि मुहैया करवाई गई है। विभाग द्वारा बस अड्डा भवन निर्माण व अन्य कार्यो पर छह करोड़ 25 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। बस अड्डे को आधुनिक बनाने के लिए अभी भी विभाग को छह करोड़ की राशि की जरूरत पड़ेगी। बस अड्डा न होने से परेशानी

राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहा बस स्टैंड ऊपरी शिमला के किन्नौर, रामपुर, रोहडू, चौपाल, सिरमौर और उत्तराखंड के लिए रोजाना ढाई सौ बसें गुजरती हैं। लेकिन इन बसों को सड़क के बीच ही अस्थायी ठहराव पर रोककर सवारियां उतारनी व चढ़ानी पड़ती हैं। ठियोग से स्थानीय रूटों पर लगभग 36 रूट इसी काउंटर से नियंत्रित किए जाते हैं। राजनीति का अखाड़ा बना बस अड्डा

ठियोग में निर्माणाधीन बस अड्डे का तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 1997 में पहली बार शिलान्यास किया था लेकिन कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेताओं की राजनीति और जनता की अदूरदर्शिता के कारण यह काम ठंडे बस्ते में चला गया। राजनीतिक नेताओं की जगह बदलने की मांग के कारण अड्डे का काम शुरू नहीं हो पाया। पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा प्रत्याशी राकेश सिघा की जीत के बाद एक बार फिर अड्डे के निर्माण पर राजनीति साफ नजर आ रही है। जाम लगने से वाहन चालक व आम जनता झेलती है परेशानी

ठियोग में हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें पार्क करने के लिए कोई उपयुक्त स्थान नहीं है। निगम की बसें एनएच पर ही खड़ी होकर अपने रूटों के लिए सवारियां बैठाती हैं जिसके कारण अकसर जाम की स्थिति बनी रहती है। जाम के कारण वाहन चालकों को रहीघाट और जानोगघाट के आधे किलोमीटर का सफर तय करने में बीस मिनट से आधे घंटे का समय लगता है। भाजपा सरकार षड्यंत्र के तहत विद्या स्टोक्स के कार्यकाल में शुरू हुए कार्यो को पूरा नहीं कर रही है। पिछले पांच साल से ठियोग में विकास कार्यो पर ब्रेक लगी हुई है। जनता समय आने पर इसका जवाब देगी। सरकार जनता के हित को ध्यान में रखते हुए बस अड्डे के काम को जल्द पूरा करे।

- अनिल ग्रोवर, अध्यक्ष शहरी कांग्रेस। बस अड्डे का अधिकतर काम पूरा हो चुका है। आधुनिक सुविधाओं से लेस बस अड्डे को जल्द ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाथों लोकार्पित करके जनता को समर्पित किया जाएगा। ठियोग के विधायक राकेश सिघा का कार्यकाल विकास के नाम पर निराशा भरा रहा है जिसके लिए जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

- अजेय श्याम, अध्यक्ष, जिला महासू भाजपा। एनएच से बस अड्डे की सड़क की टारिग, पेवर वर्क और अन्य कई काम पेंडिग हैं। इन कार्यो को पूरा करने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखित मांग भेजी गई है। इन कार्यो के लिए जल्द ही टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। निर्माण पूरा करने के लिए 30 जून प्रस्तावित समय रखा गया था लेकिन इसमें अभी और समय लग सकता है।

- विजय चौहान, एक्सईएन, लोक निर्माण विभाग, ठियोग। विकास एक निरंतर प्रक्रिया है जिसमें समय लगता है। कोविड-19 के चलते अधिकतर विकास कार्यो के काम धीमी गति से चल रहे हैं। सरकार के साथ मिलकर विकास कार्य करेंगे

- राकेश सिघा, विधायक ठियोग-कुमारसैन।

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