भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ रहना जरूरी, स्वस्थ जीवनशैली न अपनाना बनी समस्या

भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग रहने की जरूरत है। स्वस्थ जीवनशैली न अपनाने का ही नतीजा है कि लोग अब ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं।जीवन में सुख-सुविधाएं बढ़ती गईं लोग स्वास्थ्य के महत्व को भूलने लगे।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 01:43 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 01:43 PM (IST)
भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ रहना जरूरी, स्वस्थ जीवनशैली न अपनाना बनी समस्या
भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ रहना सबसे जरूरी।(फोटो: प्रतीकात्मक)

शिमला, राज्य ब्यूरो। स्वास्थ्य की चिंता बुजुर्गो ने निरोगी काया को जीवन का पहला सुख बताया गया है। जैसे-जैसे विकास और जीवन में सुख-सुविधाएं बढ़ती गईं, लोग स्वास्थ्य के महत्व को भूलने लगे। जीवन की भागदौड़ और व्यस्तता के कारण लोगों ने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना छोड़ दिया। स्वस्थ जीवनशैली न अपनाने का ही नतीजा है कि लोग अब ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं। लोग यह मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है कि देखने में स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो सकता है। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए गए विशेष स्क्रीनिंग अभियान में यह सच्चाई सामने आई है। अभियान के तहत प्रदेशभर में 23.78 लाख लोगों की जांच की गई, जिनमें से 8.25 लाख लोग किसी न किसी बीमारी से पीड़ित पाए गए।

हैरत की बात है कि इनमें से 50 हजार लोग ऐसे थे, जिन्हें अपनी बीमारी के बारे में पता ही नहीं था। अभियान के तहत प्रदेश के 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग इस साल जुलाई से की जा रही है, जिसमें 10 प्रकार की बीमारियों और गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसमें यह भी पाया गया कि अधिकतर बीमारियों का कारण तंबाकू और शराब का सेवन, अधिक फास्ट फूड खाना व शारीरिक निष्क्रियता लोगों को रोगी बना रही है। बीमार होने का प्रमुख कारण यह है कि लोगों ने सुविधा के अनुसार दिनचर्या में बदलाव किया है। नींद पूरी नहीं ली जाती, खाने-पीने पर ध्यान नहीं दिया जाता। लोगों ने पैदल चलना और शारीरिक श्रम करना भी छोड़ दिया है।

नशे का सेवन भी बीमार होने की एक वजह है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही इतनी है कि बीमार होने पर डाक्टर के पास जाने के बजाय खुद ही डाक्टर बन बैठते हैं। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही सही नहीं है, लोगों को सजग होने की जरूरत है। दिनचर्या सुनिश्चित करेंगे तो तनाव घटेगा और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा। योग और व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। अनियमित और असमय भोजन करने की आदत छोड़ें। पर्याप्त नींद जरूरी है इसलिए हर रोज सोने और उठने का समय तय करना चाहिए। समय-समय पर शारीरिक जांच जरूर करवानी चाहिए। समझना होगा कि खुद की आदतों में थोड़ा सा बदलाव लाकर स्वस्थ रहा जा सकता है।

chat bot
आपका साथी