शिमला में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल

राजधानी शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में शुक्रवार से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल शुरू हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 07:07 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 07:07 PM (IST)
शिमला में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल
शिमला में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में शुक्रवार से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल शुरू हुआ। अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल आफ शिमला हिमालयन विलोसिटी संस्था की ओर से सरकार और भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से यह फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। फिल्म फेस्टिवल में विश्व के विभिन्न देशों में बनी फिल्में दिखाई जाएंगी। इसमें 16 देशों की फिल्मों की स्क्रीनिग की जा रही है।

शुक्रवार को गेयटी थियेटर में सिनेमा प्रेमियों की काफी भीड़ रही। ईरान, अमेरिका, जर्मनी, ताईवान, कोरिया, नेपाल सहित कई देशों की फिल्मों को इस फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। इसमें हिमाचल की फिल्मों जिसमें हाटी समुदाय या किसी और समुदाय के लोगों पर बनी फिल्में भी दिखाई जाएंगी। वहीं देश ही नहीं विदेशों की फिल्मों को भी दिखाया जाएगा। करीब 200 फिल्मों में से 47 का चयन करके शिमला में दर्शकों के लिए चलाया जाएगा और लोगों को जागरूक करने का भी इन फिल्मों के माध्यम से प्रयास किया जाएगा।

फिल्म फेस्टिवल के मुख्य अतिथि हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वीरेंद्र सिंह कुंडू रहे। उन्होंने कहा सिनेमा एक भाषा है जिसको समझना बहुत जरूरी है। इस फेस्टिवल को करवाने वाली टीम काफी मेहनत करके देश-विदेश से फिल्में लाकर चलाती है। इसके माध्यम से हिमाचल की संस्कृति को भी बढ़ावा देने का प्रयास रहता है। यह हिमाचल और हमारे लिए गर्व की बात है। जब लोगों को अच्छा सिनेमा देखने को मिलेगा तभी वे समझ पाएंगे कि सिनेमा की शक्ति कितनी बड़ी है। सैंड सेज समथिग ने किया लोगों को प्रोत्साहित

फिल्म सैंड सेज समथिग ने लोगों को खूब प्रोत्साहित किया। यह फिल्म एक डाक्यूमेंट्री है, जो एक कलाकार पर बनी है। इस कलाकार का नाम सुदर्शन पटनायक है। सुदर्शन पटनायक मुंबई के रहने वाले हैं। इन्हें बचपन से ही मिट्टी में खेलना पसंद था। धीरे-धीरे वह इनका शौक बन गया और इन्होंने मिट्टी से मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया। इन्होंने अपने संघर्ष के समय में बहुत-सी कठिनाइयों का सामना भी किया। लोग इन्हें तरह-तरह की बातें सुनाते थे, लेकिन इनका हौसला कायम रहा और आगे बढ़ते रहे। कुछ लोगों ने इन्हें यह तक कहा कि तुम जो काम कर रहे हो यह शौक के लिए सही है, परंतु इससे तुम्हारा गुजारा नहीं हो पाएगा। मगर उन्होंने अपना हौसला कायम रखते हुए अपनी कला को जारी रखा और एक बेहतर मुकाम हासिल किया। जीरो किलोमीटर शार्ट फिल्म भी दिखाई

शार्ट फिल्म जीरो किलोमीटर नवाजुद्दीन सिद्दीकी के भाई शम्स नवाज सिद्दीकी की ओर से निर्देशित फिल्म है। यह ईट भट्टी में काम करने वाली एक युवती की कहानी है जो जीवन के ऐसे सफर पर निकलती है जहां वह लौटकर उसी जगह पहुंच जाती है।

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