सीआइडी, ईडी के बाद अब सीबीआइ की नजर

छह हजार करोड़ रुपये का मुख्य घोटालेबाज हीरे का व्यापारी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 07:29 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 07:29 PM (IST)
सीआइडी, ईडी के बाद अब सीबीआइ की नजर
सीआइडी, ईडी के बाद अब सीबीआइ की नजर

राज्य ब्यूरो, शिमला : छह हजार करोड़ रुपये का मुख्य घोटालेबाज हीरे का व्यापारी है। इंडियन टेक्नामेक कंपनी का यह कर्ताधर्ता घाना में इसका व्यापार करता रहा। उसकी कंपनी ने साउथ अफ्रीका, इंडोनेशिया, दुबई में खनिज पदार्थो का कारोबार किया। आगे विदेशों की कंपनियों के साथ साझेदारी की। उसे भारत लाने के लिए जांच एजेंसियां कड़ी मशक्कत कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार घोटाले पर स्टेट सीआइडी, केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद अब सीबीआइ की भी नजर लग गई है। दस करोड़ से अधिक के कर चोरी मामले में सीबीआइ अपने स्तर पर जांच करती है। ईडी मनी लांड्रिंग के पहलुओं को जांच रही है। मामले में सीआइडी इसी माह कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर लेगी। बाद में सप्लीमेंटरी चार्जशीट पेश की जाएगी।

इंडियन टेक्नोमेक कंपनी ने सिरमौर के पांवटा क्षेत्र में जहाज के कलपुर्जे बनाने का कारखाना स्थापित किया था। ज्यादा उत्पादन दिखाकर बैंकों से करीब 1600 करोड़ रुपये का कर्जा लिया। इसमें से केवल 233 करोड़ चुकाया, बाकी डकार लिया गया। ब्याज समेत यह राशि अब काफी हो गई है। अधिकारियों पर आरोप साबित

जांच में आबकारी एवं कराधान विभाग के नौ अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप साबित हो गए हैं। इनमें तीन तत्कालीन इंस्पेक्टर, एक सहायक आबकारी एवं कराधान आयुक्त, चार कर्मी शामिल हैं। इनकी हुई है गिरफ्तारी

अब तक सीआइडी नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें कंपनी के निदेशक विनय शर्मा, डीजीएम वित्त विवेक लाल, डीजीएम स्टोर आरके सेनी, सीनियर मैनेजर वित्त हिमांशु गोयल, डीजीएम लेखा विवेक गुप्ता, प्लांट हेड त्रिलोचन बिस्वाल, ईटीओ रिटायर टेकचंद, आयरन रिसीवर सुलेमान, मशीन रिसीवर अमित सिंह शामिल हैं।

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