दिसंबर तक शुरू होगा न्यू ओपीडी ब्लाक

प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 07:21 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 07:21 PM (IST)
दिसंबर तक शुरू होगा न्यू ओपीडी ब्लाक
दिसंबर तक शुरू होगा न्यू ओपीडी ब्लाक

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला में दिसंबर माह तक न्यू ओपीडी ब्लाक शुरू हो सकता है। ओपीडी के प्रवेश द्वार के काम के साथ फिनिशिंग कार्य में तेजी लाने के लिए प्रशासन ने निर्माण कार्य करने वाली कंपनी को निर्देश दिए हैं।

आइजीएमसी का नया ओपीडी ब्लाक तैयार हो गया है, लेकिन आकलैंड टनल की तरफ से बनने वाले प्रवेशद्वार द्वार और बाहर की तरफ फिनिशिग कार्य बचा हुआ है। न्यू ओपीडी ब्लाक की दो मंजिलों में पार्किंग की सुविधा होगी। वहां अस्पताल का स्टाफ अपने वाहन पार्क कर सकेगा। आइजीएमसी के पास पार्किंग की सुविधा नहीं है। अस्पताल का स्टाफ परिसर में खाली जगह पर वाहन पार्क करता है। इससे मरीजों को आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ती है। न्यू ओपीडी में पार्किंग की सुविधा मिलने से यह समस्या दूर हो जाएगी। इसके अलावा न्यू ओपीडी में अस्पताल की 22 ओपीडी शिफ्ट होंगी। वहीं 11 मल्टीस्पेशल विभाग चमियाना में बन रहे सुपरस्पेशल अस्पताल में शिफ्ट होंगे। इससे मरीजों और तीमारदारों के बैठने व चेकअप करवाने सहित टेस्ट की उचित व्यवस्था होगी।

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नए ब्लाक में फिनिशिग कार्य के साथ अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। जल्द यह ब्लाक मरीजों को समर्पित कर दिया जाएगा। इसके अलावा नए ब्लाक के साथ बन रहे ट्रामा सेंटर का कार्य भी पूरा किया जा रहा है।

-डा. जनकराज, एमएस आइजीएमसी

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अस्पताल में घटेगा संक्रमण का खतरा

आइजीएमसी में रोजाना 2000 से 3000 मरीज विभिन्न ओपीडी में पहुंचते हैं। तीमारदारों के साथ यह संख्या दोगुनी हो जाती है। इसके अलावा अस्पताल में 800 से 850 मरीज विभिन्न वार्डो में दाखिल रहते हैं। ऐसे में अस्पताल में कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहता है। मौजूदा समय में जगह की कमी के कारण कई ओपीडी और वार्ड छोटे-छोटे कमरों में हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने से भीड़ उनकी परेशानी बढ़ाती है। न्यू ओपीडी की सुविधा मिलने से अस्पताल में जगह खुल जाएगी। अस्पताल में उचित शारीरिक दूरी के नियम का पालन हो सकेगी। इससे अस्पताल में संक्रमण का खतरा घटेगा।

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