दूसरे दिन आइजीएमसी से मायूस लौटे डॉ. रजनीश

और 15 से 20 मिनट तक कार्यालय से चले गए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 10:19 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 10:19 PM (IST)
दूसरे दिन आइजीएमसी से मायूस लौटे डॉ. रजनीश
दूसरे दिन आइजीएमसी से मायूस लौटे डॉ. रजनीश

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) में इन दिनों पि्रंसिपल के तबादले पर मामला गर्माया हुआ है। प्रधानाचार्य की सीट पर डॉ. मुकुंद लाल को बैठा देख डॉ. रजनीश पठानिया दूसरे दिन वीरवार को भी वापस लौट गए। बुधवार की तरह डॉ. मुकुंद लाल सुबह करीब नौ बजे ही अस्पताल पहुंच गए और दिनचर्या शुरू कर दी। इस बीच करीब 10:30 बजे डॉ. रजनीश भी प्रधानाचार्य कार्यालय पहुंचे, लेकिन कुर्सी पर डॉ. मुकुंद को बैठा हुआ पाया। ऐसे में वह करीब 20 मिनट तक कार्यालय में रुके और फिर वहां से निकल आए।

हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद डॉ. मुकुंद के आइजीएमसी से तबादले पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। प्रदेश सरकार ने 16 नवंबर को प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों में प्रधानाचार्यो को बदल दिया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य के निर्देशानुसार आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. मुकुंद लाल को नाहन मेडिकल कॉलेज के प्रिसीपल के पद पर नियुक्त किया था। नेरचौक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया को आइजीएमसी का प्रधानाचार्य लगाया गया है। वहीं पदोन्नति के तौर पर आइजीएमसी के एनस्थिसिया विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह को टांडा मेडिकल कॉलेज का प्रधानाचार्य और नेरचौक मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. एनके महिद्रू को इसी कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद पर तैनात किया गया। सभी प्रधानाचार्यो को 15 दिन के भीतर नई नियुक्ति पर ज्वाइन करने के निर्देश दिए गए। इस प्रशासनिक फेरबदल के बाद डॉ. मुकुंद की याचिका पर हाईकोर्ट ने उनके तबादले पर रोक लगा दी है। उधर डॉ. रजनीश आइजीएमसी में ज्वाइनिंग देने दो दिन से आ रहे हैं लेकिन डॉ. मुकुंद ने अभी कार्यभार नहीं छोड़ा है।

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