बातों-बातों में निकाल दिया ब्रेन ट्यूमर

हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल काले

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 07:27 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 07:27 PM (IST)
बातों-बातों में निकाल दिया ब्रेन ट्यूमर
बातों-बातों में निकाल दिया ब्रेन ट्यूमर

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में न्यूरो सर्जरी विभाग ने जागते हुए मरीज के दिमाग का आपरेशन किया है। आपरेशन के दौरान मरीज बात भी कर रहा था। डाक्टरों का दावा है कि यह अपनी तरह का पहला आपरेशन हिमाचल में हुआ है। आज से पहले मरीज को इस तरह का आपरेशन करवाने के लिए प्रदेश से बाहर जाना पड़ता था।

अस्पताल के एमएस व न्यूरो सर्जन डा. जनकराज ने बताया कि मरीज के सिर के बायें हिस्से में ट्यूमर था। ट्यूमर की जगह और आपरेशन की जटिलता के कारण मरीज के दायें पैर व बाजू के साथ बोलने की क्षमता खोने का डर था। इस तकनीक से यह आपरेशन करने की यही वजह रही। डा. जनकराज ने कहा कि कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया कोरोना से निपट रही थी, वहीं आइजीएमसी प्रशासन ने अस्पताल में दी जाने वाली सुविधाओं का भी विस्तार किया है। अस्पताल में इस दौरान इमरजेंसी लैब के साथ सुपरस्पेश्येलिटी कोर्स शुरू किए हैं। उन्होंने बताया कि यह आपरेशन पूरी तरह से सफल रहा है। इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है। इस दौरान आपरेशन की टीम में डा. जनकराज के साथ डा. ज्ञान सहित अन्य मौजूद रहे। आपरेशन के दौरान मरीज कर रहा था बात

अस्पताल की ओर से जारी वीडियो में साफ है कि मरीज को हाथ उठाने के लिए कहा गया तो वह हाथ उठा रहा था। वहीं जीभ बाहर निकालने के लिए कहा तो जीभ भी निकाली। डाक्टरों की एक टीम मरीज के दिमाग का आपरेशन कर रही थी, वहीं एक डाक्टर मरीज की मांग पर उसे पानी दे रहा था। डाक्टरों का दावा है कि इस तकनीक के शुरू होने के बाद न्यूरो सर्जरी के दौरान या बाद में एक साइड के सुन्न होने और जुबान बंद होने का खतरा कम हो जाएगा। ठियोग का रहने वाला है 36 साल का मरीज

शिमला जिला के ठियोग के रहने वाले 36 साल के व्यक्ति को पहली बार जुलाई में आइजीएमसी लाया गया। पहले इनका इलाज चला, लेकिन ज्यादा दिक्कत होने के कारण सर्जरी करने का फैसला लिया। आपरेशन के बाद उन्होंने बताया कि जून-जुलाई से परेशानी आनी शुरू हुई थी। पहले इसे हलके में लिया। फिर पत्नी के कहने पर अस्पताल आ गया। डाक्टरों की हर बात मानी, अब पूरी तरह से स्वस्थ हूं।

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