शहर में सोमवार को नहीं चलेंगी एचआरटीसी की 220 बसें, कर्मचारी हड़ताल पर

मांगों को लेकर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) कर्मचारियों ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। सोमवार को निगम के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 04:35 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 04:35 PM (IST)
शहर में सोमवार को नहीं चलेंगी एचआरटीसी की 220 बसें, कर्मचारी हड़ताल पर
शहर में सोमवार को नहीं चलेंगी एचआरटीसी की 220 बसें, कर्मचारी हड़ताल पर

जागरण संवाददाता, शिमला : मांगों को लेकर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) कर्मचारियों ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। सोमवार को राजधानी शिमला सहित जिले में कोई भी सरकारी बस नहीं चलेगी। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के चलते स्कूल, कालेज और दफ्तर पहुंचने के लिए लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। खासकर उन रूटों पर जहां निजी बसें नहीं चलती हैं।

रविवार रात 12 बजे से सोमवार रात 12 बजे तक यह हड़ताल चलेगी। दिल्ली, चंडीगढ़, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, ऊना सहित अन्य स्थानों से शिमला के लिए रात 12 बजे से पहले जो बसें चली हैं उन्हें सुबह चार बजे तक गंतव्य स्थानों पर पहुंचने को कहा गया है। इसके बाद बसें वहीं पर रुक जाएंगी। राजधानी शिमला में 220 के करीब सरकारी बसों के पहिए थमेंगे। ये बसें लोकल शिमला के अलावा शिमला ग्रामीण और ऊपरी शिमला से शहर में प्रवेश करती हैं। ऐसे में निजी बसों पर ही पूरा दारोमदार रहेगा।

हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के शिमला यूनिट के कर्मचारियों की दोपहर एक बजे पुराने बस अड्डे पर गेट मीटिग हुई। कर्मचारियों ने इस दौरान निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर आंदोलन की रणनीति तैयार की। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन लगातार कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रहा है। आश्वासन के बावजूद उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। इसी के चलते कर्मचारियों ने आंदोलन पर जाने का निर्णय लिया है।

हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष प्यार सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष मान सिंह ठाकुर और सचिव खेमेंद्र गुप्ता सहित अन्य नेताओं ने आरोप लगाया कि निगम कर्मचारियों एवं पेंशनरों की करीब 582 करोड़ रुपये के करीब अनेक वित्तीय लाभ की देनदारियां वर्षो से लंबित हैं। निगम में यह एक प्रथा बन चुकी है कि बिना आंदोलन किए कोई भी वित्तीय लाभ नहीं दिए जाते। चार वर्ष से कर्मचारियों ने कोई भी आंदोलन नहीं किया। समय से पहले निकलें, गाड़ी है तो पूल करके आएं

सोमवार को सरकारी बसों के न चलने के कारण लोगों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। समय से पहले घरों से निकलें। यदि गाड़ी है तो पूल करके आएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्कूल, कालेज और दफ्तर में समय पर पहुंच सकें। ये हैं मुख्य मांगें

- जनवरी 2016 से 13 फीसद आइआर।

-जनवरी 2019 से चार, पांच और जुलाई 2019 से छह फीसद डीए देय।

-एचआरटीसी को रोडवेज का दर्जा देना।

- भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करना।

- 35 महीने का नाइट ओवरटाइम, एरियर, जीपीएफ, मेडिकल अलाउंस, पेंशनर को पेंशन जारी करना।

- 450 पीसमील कर्मचारियों को अनुबंध पर लाना।

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