मंत्री के आश्वासन पर टाली हड़ताल, प्रदेश में दिनभर होते रहे प्रदर्शन
जागरण संवाददाता शिमला हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के शिमला लोकल डिपो के क्षेत्रीय प
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कर्मचारियों ने परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर से फोन पर बात करने के बाद अपनी हड़ताल को सोमवार तक के लिए टाल दिया है। शनिवार रात आठ बजे के बाद परिवहन निगम की बसों को फिर से बहाल कर दिया। अधिकारियों के साथ हुई बैठक में परिवहन मंत्री ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सोमवार सुबह साढ़े नौ बजे उनके साथ बैठक की जाएगी। उनके हर पहलू पर विस्तार से चर्चा कर जायज मागों को पूरा करने की हरसंभव कोशिश की जाएगी। इसके बाद कर्मचारियों ने अपने आदोलन को स्थगित कर दिया और बैठक के बाद ही आगामी फैसला लेने की रणनीति बनाई। इन मागों पर पहले प्रबंध निदेशक के साथ चर्चा होगी और बाद में परिवहन मंत्री के साथ बैठक होनी प्रस्तावित है। कर्मचारी एचआरटीसी के शिमला लोकल डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) देवासेन नेगी का तबादला रद करने की मांग पर प्रदर्शन कर रहे थे।
वहीं इससे पहले शनिवार सुबह से रात आठ बजे तक शिमला सहित अन्य जिलों में परिवहन निगम की बसें नहीं चलीं। कर्मचारियों ने निगम प्रबंधन को सुबह 10 बजे तक तबादला आदेश रद करने की चेतावनी दी थी, लेकिन प्रबंधन ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। इसके बाद प्रदेशभर में निगम की बसों की आवाजाही को रोकने का ऐलान कर दिया गया। बसें न चलने से कई स्थानों पर लोगों को परेशान होना पड़ा।
उन्होंने धरने के दौरान ही प्रबंधन से करीब तीन साल से उनके पेंडिग ओवरनाइट चार्जेस का भुगतान करने, 4-9-14 टाइम स्केल, पीस मील वर्कर को अनुबंध पर लाने, मेडिकल बिलों का भुगतान और समय पर वेतन देने की मांग भी उठाई है। कर्मचारियों का आरोप है कि निजी बस आपरेटरों के दबाव में एचआरटीसी प्रबंधन ने लोकल आरएम का शिमला से तबादला कर दिया, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बल्कि आरएम अपनी ड्यटी सही से निभा रहे हैं। प्रदेशभर में यहां पर हुए प्रदर्शन
शिमला, सोलन, नाहन, रामपुर, रोहड़ू, रिकांगपिओ, नालागढ़, ऊना, देहरा, हमीरपुर, सरकाघाट, पठानकोट, सुंदरनगर और चंबा डिपो में राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए। कर्मचारी अधिकारी का तबादला रद करने की मांग कर रहे हैं। ऊना और सोलन में चालकों व परिचालकों ने निजी बसों को बस अड्डे में प्रवेश नहीं करने दिया। इससे ऊना में तो मुख्य मार्ग पर लंबा जाम लग गया। प्रदेश में 40 फीसद रूट पर नहीं चलीं बसें
राज्य परिवहन निगम के 40 फीसद रूट पर बसें नहीं चलीं। शिमला में परिवहन निगम की 204 बसें नहीं चलीं। शिमला लोकल, ऊपरी शिमला में सुबह से लेकर शाम तक एक भी बस नहीं चली। दिल्ली-चंडीगढ़ के लिए भी नहीं गई बसें
शिमला में 10 बजे के बाद दिल्ली व चंडीगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों को जाने वाली बसों को नहीं भेजा गया। परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के आह्वान पर दूसरे राज्यों के लिए बस सेवा को बंद कर दिया। यहां के लिए रोजाना 500 बसें रवाना होती हैं। इसमें से 50 से ज्यादा बसें ही गई वे भी सुबह 10 बजे से पहले रवाना हो गई थीं।