राज्यपाल ने दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में भारतीय जनसंघ के सह संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 06:46 PM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 06:46 PM (IST)
राज्यपाल ने दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी
राज्यपाल ने दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी

राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में भारतीय जनसंघ के सह संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय द्वारा समाज के कमजोर वर्गो के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों को याद किया।

उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय दूरदर्शी, बुद्धिजीवी और प्रेरणादायी व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए। डा. मस्तराम शर्मा की पुस्तक अथर्ववेद का विमोचन

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में हिमाचल संस्कृत अकादमी शिमला के पूर्व सचिव एवं संस्कृत विशेष अधिकारी उच्चतर शिक्षा विभाग डा. मस्तराम शर्मा की पुस्तक अथर्ववेद जिसमें प्रतिशाख्य एवं अष्टाध्यायी का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है, का विमोचन किया।

राज्यपाल ने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस पुस्तक से व्याकरण शास्त्र के रहस्य तथा अथर्ववेद के वैदिक व्याकरण सूत्रों से किस प्रकार से शब्द का उच्चारण किया जाना चाहिए का पता चलता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संस्कृत व संस्कृति दोनों की रक्षा व संवर्धन की आवश्यकता है। वहीं, डा. मस्तराम ने बताया कि इस पुस्तक में बताया गया है कि किस प्रकार वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जाना चाहिए। इस दौरान भाषा एवं संस्कृति विभाग के पूर्व उप निदेशक सुदर्शन वशिष्ठ, उच्चतर शिक्षा निदेशालय में संस्कृत विशेष अधिकारी डा. प्रवीण और संस्कृत विद्वान संजय शास्त्री उपस्थित थे।

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