गाड़ियों में झंडी के फैसले पर बंटा कांग्रेस विधायक दल

जागरण संवाददाता शिमला विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने के फैसले पर चौतरफा विरोध श

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 May 2021 07:06 PM (IST) Updated:Wed, 26 May 2021 07:06 PM (IST)
गाड़ियों में झंडी के फैसले पर  बंटा कांग्रेस विधायक दल
गाड़ियों में झंडी के फैसले पर बंटा कांग्रेस विधायक दल

जागरण संवाददाता, शिमला : विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने के फैसले पर चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस विधायक दल फैसले पर बंट गया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित दो अन्य विधायकों ने फैसले का विरोध किया है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने भी फैसले का विरोध किया है। वहीं कुल्लू से कांग्रेस विधायक सुंदर ठाकुर और कांग्रेस के एक अन्य विधायक विधायक दल और पार्टी की प्रतिक्रिया के विपरीत बयान दे रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कोरोना काल में लोगों की जान बचानी चाहिए। वह राजनीति में जनता की सेवा के लिए आए हैं, वीआइपी कल्चर के लिए नहीं। उन्होंने गाड़ी पर झंडी लगाने से इंकार किया था। कसुम्पटी से कांग्रेस विधायक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव अनिरुद्ध सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल में कैबिनेट बैठक में ऐसा प्रस्ताव लाना गलत है। सरकार को लोगों की जान बचानी चाहिए न कि विधायकों की सुख सुविधा को बढ़ाना चाहिए। वह जब तक विधायक हैं तब तक गाड़ी पर झंडी नहीं लगाएंगे। बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने भी गाड़ियों पर झंडी लगाने के फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार को अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ानी चाहिए। यह समय विधायकों की सुविधाएं बढ़ाने का नहीं है।

कुल्लू से विधायक सुंदर ठाकुर व कांग्रेस के एक अन्य विधायक ने कहा कि यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी। विधायकों की मांग पर सर्वदलीय बैठक में निर्णय के बाद सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है और अब इस पर बेवजह तूल नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि विधायकों का कहना है कि वे वीआइपी कल्चर के खिलाफ हैं और इसके लिए सभी को एक समान नियम होने चाहिए, चाहे वह चीफ सेक्रेटरी हो, पुलिस अधिकारी हो, या कोई भी न्यायिक अधिकारी हो। झंडी केवल सिटिग विधायक को ही प्रस्तावित है। इसमें उन्हें कहीं भी आने-जाने में ट्रैफिक में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि झंडी का मतलब वीआइपी कल्चर नहीं है बल्कि यह विधानसभा के सदस्य के तौर पर लोकतंत्र के स्तम्ब का एक प्रतीक होगा।

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