जेबीटी शिक्षकों की काउंसिलिंग के परिणाम पर हाईकोर्ट की रोक

प्रदेश हाईकोर्ट ने जुलाई 2017 में जेबीटी शिक्षकों के 671 पदों को भरने के लिए हुई काउंसिलिंग पर रोक लगा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 08:07 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 08:07 PM (IST)
जेबीटी शिक्षकों की काउंसिलिंग
के परिणाम पर हाईकोर्ट की रोक
जेबीटी शिक्षकों की काउंसिलिंग के परिणाम पर हाईकोर्ट की रोक

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने जुलाई 2017 में जेबीटी शिक्षकों के 671 पदों को भरने के लिए हुई काउंसिलिंग के परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने सरकार से एक सप्ताह के भीतर प्रार्थियों के आवेदन का जवाब भी मागा है।

याचिकाकर्ता राकेश कुमार व सोनू देवी का कहना है कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश को अपने ढंग से परिभाषित कर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) की मेरिट के आधार पर इन पदों को भरना चाहती है जबकि यह नियम अब नहीं है। सरकार ने इस बाबत जो नियम बनाए थे, उन्हें ट्रिब्यूनल ने गत वर्ष 30 अगस्त को निरस्त कर दिया था। सरकार ने 22 सितंबर 2017 को नए नियम बनाए हैं जिसके तहत अब भर्ती 50 फीसद बैचवाइज व 50 फीसद कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से की जानी है। नए नियम के बावजूद सरकार ने आवेदन दायर कर निरस्त हुए नियमों के तहत ही भर्ती को अंतिम रूप देने की इजाजत कोर्ट से मागी थी। इसे पहले भी न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने सरकार का आवेदन खारिज करते हुए कहा था कि सरकार मौजूदा नियमों के तहत जेबीटी के पदों को भरने के लिए स्वतंत्र है। हाईकोर्ट की ही एक अन्य खंडपीठ ने मामलों का निपटारा करते हुए वर्ष 2012 के नियमों के अनुसार ही टेट की मेरिट के आधार पर चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का आदेश दिया था। इस फैसले को आधार बनाते हुए सरकार ने गत 23 नवंबर को जेबीटी के 671 पदों को भरने के लिए मंजूरी दे दी। शिक्षा विभाग ने इसके आधार पर 10 जिलों में जेबीटी के 671 पदों को टेट की मेरिट वाले नियमों के तहत भरने के लिए पांच दिसंबर को पत्र जारी कर इन पदों के लिए जुलाई 2017 में की गई काउंसिलिंग का परिणाम घोषित कर 15 दिसंबर तक नियुक्ति पत्र देने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने इसी काउंसिलिंग के परिणाम की घोषणा पर रोक लगाई है।

प्रदेश सरकार ने वर्ष 2012 में जेबीटी के पदों को भरने के लिए टेट की मेरिट को आधार बनाया था। कुछ अभ्यर्थियों ने इस प्रावधान को यह कहकर चुनौती दी थी कि टेट केवल अध्यापक होने की आधारभूत योग्यता को दर्शाता है न कि नौकरी के लिए किसी प्रतियोगी परीक्षा में मेरिट को। सरकार ने टेट की मेरिट के आधार पर हो रही भर्ती प्रक्रिया को जारी रखा परंतु चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए। ट्रिब्यूनल ने 30 अगस्त 2017 को यह नियम खारिज कर दिया और 750 चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाने का मामला लटक गया। सरकार ने ट्रिब्यूनल में पुनर्विचार याचिका दायर कर 11 जनवरी 2018 को टेट की मेरिट पर आधारित पुरानी भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने की इजाजत ले ली। इसके खिलाफ प्रार्थी राकेश कुमार ने ट्रिब्यूनल के इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी। वहीं, 23 फरवरी को हाईकोर्ट ने जेबीटी के स्वीकृत 750 पदों को टेट की मेरिट से भरने पर रोक लगा दी थी। अब प्रार्थियों का कहना है कि नए भर्ती नियम बनने के बावजूद सरकार नए सृजित पदों को पुराने नियमों से भरने पर अड़ी है और हाईकोर्ट के आदेशों को गलत व मनमाने ढंग से परिभाषित कर रही है। मामले पर सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

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