नगर निगम शिमला के मनोनीत पार्षद पर बैठकों में भाग लेने पर रोक

प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला में सरकार की ओर से मनोनीत पार्षद सं

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 08:44 PM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 08:44 PM (IST)
नगर निगम शिमला के मनोनीत पार्षद पर बैठकों में भाग लेने पर रोक
नगर निगम शिमला के मनोनीत पार्षद पर बैठकों में भाग लेने पर रोक

विधि संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला में सरकार की ओर से मनोनीत पार्षद संजीव सूद पर नगर निगम की बैठकों में भाग लेने से रोक लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राकेश कुमार की ओर से दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किए।

याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार मनोनीत पार्षद संजीव सूद ने वर्ष 2009 में अवैध निर्माण करने के मामले में नगर निगम को हलफनामा दिया था कि वह स्वीकृत नक्शे के अलावा किया गया अतिरिक्त निर्माण हटा देगा, लेकिन वर्ष 2009 से 2019 तक उसने अवैध निर्माण नहीं हटाया। प्रार्थी राकेश कुमार ने वर्ष 2019 में अर्बन डेवेल्पमेंट अथारिटी के पास शिकायत दर्ज की थी, जिसमें कार्रवाई के दौरान प्रार्थी के आरोपों को सही पाया गया एवं पार्षद संजीव सूद को डिफाल्टर घोषित किया गया। प्रार्थी के अनुसार पार्षद को डिफाल्टर घोषित करने बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और वह नवंबर, 2019 से नगर निगम शिमला की सभी बैठकों में भाग ले रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि जब पार्षद संजीव सूद को वर्ष 2019 में अर्बन डेवेल्पमेंट अथारिटी द्वारा अयोग्य करार दे दिया गया तो इसके बावजूद वह कैसे नगर निगम की बैठकों में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। कोर्ट ने नगर निगम शिमला को कहा है कि अगली सुनवाई के दौरान मनोनीत पार्षद संजीव सूद द्वारा निगम की बैठकों में भाग लेने संबंधित संपूर्ण रिकार्ड कोर्ट के समक्ष पेश करे। कोर्ट ने सरकार से भी चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।

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