गिरी परियोजना का पानी भी साफ

जागरण संवाददाता शिमला राजधानी शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाली गिरी परियोजना को भी राष्ट

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Dec 2020 06:10 PM (IST) Updated:Sat, 12 Dec 2020 06:10 PM (IST)
गिरी परियोजना का पानी भी साफ
गिरी परियोजना का पानी भी साफ

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाली गिरी परियोजना को भी राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे ने हरी झंडी दे दी है। गिरी परियोजना से शहर में पहुंच रहा पानी शुद्ध है। पुणे की लैब में शिमला जल प्रबंधन निगम ने 25 नवंबर को पानी का सैंपल भेजा था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

शिमला जल प्रबंधन निगम ने 25 नवंबर को सैंज इनलैट टैंक से सैंपल भरे थे। शनिवार को इसकी रिपोर्ट शिमला जल प्रबंधन निगम को मिली है। दो दिन पहले गुम्मा परियोजना के क्रैगनैंनो और संजौली भंडारण टैंक की रिपोर्ट आई थी, यह भी नेगेटिव आई है।

कुछ वर्ष से शिमला शहर पानी की सप्लाई को लेकर काफी चर्चा में रहा है। कभी पानी की कमी तो कभी पानी के सैंपल फेल होने के कारण पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से सैकड़ों लोगों को शिकार होना पड़ रहा था। लेकिन अब शहर में पानी की सप्लाई शुद्ध है। शहर को जल आपूर्ति करने वाली है यह मुख्य परियोजना

शहर को जल आपूर्ति करने वाली गिरी परियोजना से शिमला के लिए रोजाना 18 से 20 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) पानी की आपूर्ति होती है। शहर के बड़े हिस्से में पानी की सप्लाई इसी परियोजना से होती है। गिरी नदी से पानी को लिफ्ट कर शिमला पहुंचाया जाता है। इस स्त्रोत से पानी को लिफ्ट कर दो फेज में भेखलटी पहुंचाया जा रहा है। पहले चरण में 5400 मीटर ऊपर पानी पहुंचाया जाता है। वहां से दूसरे चरण में 2780 मीटर और ऊपर पानी भेखलटी पहुंचाया जाता है। फिर वहां से 23 किलोमीटर ग्रेविटी में पानी संजौली पेयजल टैंक में पहुंचता है। इसके बाद लोगों को पानी को वितरित किया जाता है। ग्रेविटी में पानी आने के कारण इस परियोजना का खर्च भी काफी कम है। 25 नवंबर को लिए गए गिरी परियोजना के सैंपल की रिपोर्ट शनिवार को मिली है, जिसमें सैंपल सही पाए गए हैं।

धर्मेद्र गिल, प्रबंध निदेशक शिमला जल प्रबंधन निगम।

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