वीरभद्र से सम्मान मिलना जिदगी का अनमोल पल

ठियोग के आलू मैदान में मई 2016 में नगर परिषद के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वीरभद्र सिंह पधारे थे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 03:46 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 03:46 PM (IST)
वीरभद्र से सम्मान मिलना जिदगी का अनमोल पल
वीरभद्र से सम्मान मिलना जिदगी का अनमोल पल

ठियोग के आलू मैदान में मई 2016 में नगर परिषद के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वीरभद्र सिंह आए थे। नगर परिषद की ओर से विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को उनके हाथों सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मैंने लखनऊ में आयोजित अवध इंटरनेशनल ओपन चेस अंडर-18 प्रतियोगिता में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए पहला स्थान हासिल किया था।

नगर परिषद प्रतिनिधियों ने सम्मानित होने वाले प्रतिभागियों में मुझे सम्मिलित करके मेरा उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से राजा साहब के हाथों मुझे सम्मान दिलवाया। उनसे मिलने भर के विचार से मैं बहुत उत्साहित था। इतनी बड़ी शख्सियत से रूबरू होना मेरे लिए गौरव की बात थी। मैं बहुत डरा हुआ था, लेकिन जैसे ही उन्होंने मुझे शाबाशी देते हुए जिस तरह प्यार से गले लगाया मैं आत्मविभोर हो गया और सारा डर गायब हो गया। प्रदेश के सबसे बड़े नेता और सबके दिलों पर राज करने वाले इंसान ने इतने सहज रूप में मुझसे कहा शाबाश बच्चे, हिमाचल को तुम पर नाज है। इसी तरह मेहनत करो आगे बढ़ो। खेल खेलना बहुत जरूरी है चाहे वह कोई भी हो इसलिए खेलो' उनके यह शब्द आज भी मुझे प्रोत्साहित करते हैं।

उन्होंने जिस तरह मुझे गले लगाकर ट्राफी देकर मुझे सम्मान दिया वह पल मेरी जिदगी का सबसे अनमोल पल बन गया। मैंने उसके बाद तीन बार राज्यस्तरीय शतरंज चैंपियन बनकर उनके साथ किया वादा निभाया। वर्तमान में शतरंज के नए खिलाड़ियों को कोचिग देकर उन्हें खेल की बारीकियां सिखा रहा हूं। आज वीरभद्र सिंह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके शब्द और उनकी सीख जीवन के हर मोड़ पर मुझे संबल देती रहेगी।

- पंकज भंडारी, शतरंज खिलाड़ी ठियोग।

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