शहर में खतरा बने पेड़ों को कटने का करना होगा इंतजार
राजधानी में घरों से लेकर रास्तों व सड़कों के लिए खतरा बने पेड़
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी में घरों से लेकर रास्तों व सड़कों के लिए खतरा बने पेड़ों को काटने के लिए लोगों को इंतजार करना होगा। मेयर ने दो दिन में विभाग से सूची तो तलब की थी लेकिन वार्ड स्तर पर इससे बनने में 20 दिन लग सकते हैं। जिला में वनरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चली है। ऐसे में आम लोगों को एक महीना तो कम से कम इंतजार करना ही होगा। विभाग से सूची आने के बाद शहर की ट्री कमेटी का पूरा शेड्यूल तैयार किया जाएगा। हालांकि पहले उम्मीद थी की जल्द ही पेड़ों को काटने के लिए कमेटी दौरे शुरू करेगी लेकिन अब इसमें ओर समय लगना तय है। वन विभाग ने सूची सौंपने के लिए निगम से अतिरिक्त समय मांगा है। इससे सबसे अधिक नुकसान बिजली की एचटी लाइनों, लोगों के घरों या रास्तों सड़कों को नुकसान पहुंचता है।
नगर निगम के पास खतरनाक पेड़ो को हटाने को लेकर आवेदन किया जाता है। प्रशासन के पास वतर्मान में 300 से ज्यादा पेड़ काटने के आवेदन लंबित है। इनका निरीक्षण ट्री कमेटी को करना है। कमेटी के दौरे के बाद इन पेड़ों को काटने का मामला कैबिनेट सब कमेटी को भेजा जाता है। कमेटी के मुताबिक ही पेड़ों को काटने की मिलती है। मेयर सत्या कौंडल ने विभाग से 34 वार्डो में कितने खतरनाक पेड़ हैं, की पूरी डिटेल मांगी थी। निगम मूल रूप से पेड़ों का निरीक्षण कर काटने की कार्रवाई जल्द ही अमल में लाना चाहता है।
नगर निगम की मेयर नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि वन विभाग को दो दिन के भीतर वार्ड वाइज खतरनाक पेड़ों की सूची सौंपने के आदेश दिए थे। अब तक विभाग की ओर से सूची नहीं दी गई है। विभाग के अधिकारियों को जल्द ही इसे देने के लिए रिमाइंडर भेजा जाएगा।