केंद्र से मिली 1400 प्रोजेक्टों को वन संबंधी मंजूरी

वन संबंधी मंजूरी (फारेस्ट क्लीयरेंस) के चक्रव्यूह में फंसे प्रदेश के 1400 प्रोजेक्टों को मंजूरी मिल गई है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 07:56 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 07:56 PM (IST)
केंद्र से मिली 1400 प्रोजेक्टों को वन संबंधी मंजूरी
केंद्र से मिली 1400 प्रोजेक्टों को वन संबंधी मंजूरी

राज्य ब्यूरो, शिमला : वन संबंधी मंजूरी (फारेस्ट क्लीयरेंस) के चक्रव्यूह में फंसे प्रदेश के 1400 प्रोजेक्टों को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण सहित अन्य परिवहन विभाग के बस अड्डे, स्कूल व महाविद्यालय भवन, पनविद्युत परियोजनाओं का काम शुरू हो सकेगा। इसके अलावा जल शक्ति विभाग, शहरी विकास विभाग, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग की परियोजनाओं के निर्माण का रास्ता साफ हुआ है। 1980 के वन संरक्षण कानून के तहत इन प्रोजेक्टों को मंजूरी मिलने से प्रदेश में अधोसंरचना विकास के कार्यो को आगे बढ़ाने में गति मिलेगी। अधोसंरचना विकास के इन प्रोजेक्टों में करोड़ों का निवेश होने से बीस हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

हिमाचल में करीब 62 फीसद भू भाग पर जंगल हैं। इससे भी अधिक समस्या वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजे प्रोजेक्टों के दिल्ली व देहरादून में लटके होने से थी। प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने छोटे प्रोजेक्टों की एफसीए मंजूरी के मामलों को निपटाने के लिए शिमला में कार्यालय खोला है, जिससे काफी राहत मिली है।

फोरलेन निर्माण बाधित हुआ

प्रदेश में फोरलेन व नेशनल हाईवे प्रोजेक्टों के साथ अस्पतालों, केंद्रीय विश्वविद्यालय और शिमला व धर्मशाला स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट एफसीए में फंसे हुए हैं। एफसीए क्लीयरेंस की मंजूरी के इंतजार में फंसे इन प्रोजेक्टों के लिए सरकार के पास धन की कमी नहीं है। लिहाजा राज्य सरकार लगातार प्रोजेक्टों को मंजूरी देने का मामला केंद्र से उठाती रही है।

केंद्र सरकार से केंद्रीय विश्वविद्यालय के देहरा में स्थापित होने वाले भवन निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है। धर्मशाला में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवन का मामला एफसीए की मंजूरी के इंतजार में है। फोरलेन के तमाम प्रोजेक्टों, अस्पतालों के निर्माण व नेशनल हाईवे समेत करीब 1400 प्रोजेक्टों को एफसीए मंजूरी मिलने के बाद शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू होगा।

- राकेश पठानिया, वनमंत्री।

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