सरकार ने माना, आउटसोर्स कर्मचारियों का हो रहा शोषण

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सरकार ने माना कि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Mar 2021 07:46 PM (IST) Updated:Thu, 18 Mar 2021 07:46 PM (IST)
सरकार ने माना, आउटसोर्स
कर्मचारियों का हो रहा शोषण
सरकार ने माना, आउटसोर्स कर्मचारियों का हो रहा शोषण

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सरकार ने माना कि आउटसोर्स कर्मचारियों का उन्हें तैनात करने वाली कंपनी शोषण करती है। उन्हें पूरा वेतन नहीं दिया जाता है। कर्मचारी भविष्य निधि के मामले में भी पारदर्शिता नहीं है। प्रश्नकाल के दौरान सदन में आउटसोर्स कर्मचारियों का मामला गूंजा। विपक्षी कांग्रेस सदस्यों के बजाय भाजपा के वरिष्ठ विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने नेरचौक स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स कंपनी से जुड़ा सवाल पूछा।

इंद्र सिंह ने कहा कि एक ही श्रेणी के आउटसोर्स कर्मियों को अलग-अलग वेतन दिया जाता है। इसी सवाल में चंबा से भाजपा विधायक पवन नैयर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज चंबा में सेवाएं दे रही कंपनी ने कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया है। यदि कोई कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि का अपना नंबर मांगता है तो उसे डराया-धमकाया जाता है। स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल ने उत्तर देते हुए कहा कि कई विधायकों की ओर से इस तरह की शिकायतें मिली हैं कि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण होता है। वेतन कम और समय पर नहीं दिया जाता है। ऐसी शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस बजट में मॉडल टेंडर दस्तावेज लाने की घोषणा की है। सरकार की ओर से मॉडल टेंडर दस्तावेज जल्द लाया जाएगा जिसके बाद आउटसोर्स का काम करने वाली कंपनी पर अंकुश लगेगा।

पूर्व कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की कमी को देखते हुए आउटसोर्स पर कर्मचारी तैनात करने का प्रविधान किया था। इस व्यवस्था के तहत कंपनी को काम दिया जाता है। सभी सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर कर्मचारी काम कर रहे हैं। मेडिकल कॉजेल नेरचौक में 549 कर्मचारी आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। यह कार्य पांच कंपनी कर रही हैं। बल्ह के विधायक इंद्र सिंह के सवाल पर डा. सैजल ने बताया कि यह जरूरी नहीं कि जहां पर संस्थान खुला हो, उस विधानसभा क्षेत्र के लोगों को रोजगार दिया जाएगा। जबसे आउटसोर्स नीति बनी है, उसी आधार पर कर्मचारी भर्ती होते हैं। टेंडर दस्तावेज के आधार पर ही कंपनी लोगों को भर्ती करती है।

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति निर्धारण का सवाल पूछा। इसके जवाब में डा. सैजल ने कहा कि आपके कार्यकाल में जो नीति बनी थी, उसके आधार पर ही सरकार काम कर रही है। माकपा विधायक राकेश सिंघा ने वर्ष 2016 में वित्त विभाग की अधिसूचना का उल्लेख किया जिसमें योग्यता के आधार पर भर्ती करने के दिशानिर्देश जारी किए गए थे। डा. राजीव सैजल ने कहा कि कंपनी पर सकरार का सीधा हस्तक्षेप नहीं होता है। डा. राजीव सैजल ने आश्वस्त किया कि जहां भी आउटसोर्स कर्मियों का शोषण हो रहा है, वहां कपंनी के खिलाफ जांच कर्रवाई जाएगी। यदि आवश्यक हुआ तो सरकार कार्रवाई भी करेगी।

chat bot
आपका साथी