इस बार 25 फीसद ही हुआ फलदार पौधों का रोपण
मौसम की बेरुखी के कारण प्रदेश में सर्दियों में लगाए जाने वाले फलदार प
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला
मौसम की बेरुखी के कारण प्रदेश में सर्दियों में लगाए जाने वाले फलदार पौधों सेब, बादाम, पलम, खुमानी, आड़ू, अखरोट आदि का रोपण मात्र 25 फीसद ही हो सका है। यही नहीं जो पौधे रोपे भी हैं, वे बारिश न होने के कारण सूख गए हैं। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ कि इतनी कम तादाद में सर्दियों में पौधारोपण हुआ है। पर्याप्त बारिश न होने के कारण सरकारी व निजी नर्सरियों में लाखों फलदार पौधे ऐसे ही रह गए हैं। ऐसे में अब तीसरे वर्ष दिए जाने वाले फलदार पौधे चौथे वर्ष दिए जाएंगे। इससे होने वाली आय में कमी आई है।
इस वर्ष सर्दियों में फलदार पौधों के न लगने से इसका आने वाले वर्षो में उत्पादन पर असर होगा। एक वर्ष देर से फलदार पौधे लगेंगे और देर से फल आएंगे। इसके साथ ही पुराने पौधों के स्थान पर नए फलदार पौधों का भी रोपण नहीं हो सका। आधुनिक किस्मों के पौधे तीसरे वर्ष फल देना आरंभ कर देते हैं। प्रदेश में 5314 करोड़ का फल उत्पादन होता है, जबकि बागवानी का जीडीपी में 3.5 फीसद का योगदान है।
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दाम प्रति पौधा
पौधा,दाम
खुमानी,100-150
अखरोट,250-1500
पर्सिमन,100-150
नाशपाती,100-200
पलम,100-200
सेब,100-400
अनार,50-150
बादाम,100-150
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हर साल 15 से 20 लाख पौधे नर्सरियों में होते हैं तैयार
प्रदेश में हर साल 15 से 20 लाख पौधे नर्सरियों में तैयार किए जाते हैं, जिन्हें बागवानों को दिया जाता है। बागवानों की मांग को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से भी पौधे मंगवाए जा रहे हैं। इनकी संख्या भी लाखों में होती है।
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सर्दियों में बारिश कम होने से फलदार पौधे नहीं लगाए जा सकेंगे। जो पौधे लगाए भी हैं उनमें से काफी सूख गए हैं। इसका फल उत्पादन पर काफी असर होगा।
-हरीश चौहान,अध्यक्ष, फल, सब्जी, फूल उत्पादक संघ हिमाचल प्रदेश।
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इस बार 25 फीसद ही फलदार पौधों का रोपण हो सका है। ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी कम तादाद में पौधारोपण हुआ है। बारिश कम होने से इसका असर फल उत्पादन पर भी होगा।
-डॉ. जेपी शर्मा, निदेशक बागवानी विभाग।
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तेज हवा से लुढ़का तापमान
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में रविवार को धूप खिलने के बावजूद तेज हवा चलने से अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट आई। दो दिन चोटियों पर हिमपात के बाद प्रदेश में मौसम साफ हो गया है। कुछ दिन धूप खिलने से तापमान में वृद्धि होगी और अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार दो मार्च से एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसका असर प्रदेश में तीन और चार मार्च को होगा। इस दौरान ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात की संभावना है।
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कहां कितना रहा तापमान (डिग्री सेल्सियस)
स्थान,न्यूनतम,अधिकतम
शिमला,7.6,17.6
सुंदरनगर,11.9,25.0
भुंतर,10.8,25.4
कल्पा,3.0,14.0
धर्मशाला,8.6,19.6
ऊना,13.0,29.8
नाहन,15.1,25.5
केलंग,-1.5,4.8
सोलन,11.5,25.0