कोरोना उपचार के साथ डायलिसिस भी

शिमला के आइजीएमसी में कोरोना के साथ किडनी रोगियों को डायलिसिस

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 07:28 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:28 PM (IST)
कोरोना उपचार के साथ डायलिसिस भी
कोरोना उपचार के साथ डायलिसिस भी

जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला के आइजीएमसी में कोरोना के साथ किडनी रोगियों को डायलिसिस की सुविधा भी दी जा रही है। कोरोना के लिए तैयार किए गए आइसोलेशन वार्ड में डायलिसिस रूम तैयार किया गया है जहां 15 से 20 बेड लगाए गए हैं। साथ ही मरीजों के लिए पोर्टेबल वेंटीलेटर लगाए गए हैं, ताकि मरीज को एक स्थान से दूसरे स्थान तक शिफ्ट करने में परेशानी न आए।

पहले से किडनी रोग से ग्रसित मरीज जब कोरोना पॉजिटिव हो जाते हैं तो वे अधिक गंभीर अवस्था में चले जाते हैं। ऐसे मरीजों को अन्य मरीजों की अपेक्षा अधिक देखभाल की जरूरत पड़ती है। किडनी के सही तरीके से काम करने के लिए डायलिसिस पर डालना जरूरी हो जाता है। हालांकि अस्पताल के नेफ्रेरोलॉजी विभाग में डायलिसिस करवाने की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन कोरोना संक्रमण के फैलाव के प्रति सतर्कता बरतते हुए अस्पताल प्रशासन ने आइसोलेशन वार्ड में ही डायलिसिस का प्रबंध किया है जहां डाक्टर लगातार मरीजों की मॉनिटरिग करते हैं।

आइसोलशेन के नोडल ऑफिसर व मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डा. बलबीर का कहना है कि कोरोना वार्ड में तैयार किए गए डायलिसिस रूम में रोजाना चार से पांच मरीजों का डायलिसिस हो जाता है। गंभीर मरीजों को अधिक आक्सीजन की जरूरत होती है तो उन्हें हाई फ्लो आक्सीजन पर रखने का भी पर्याप्त इंतजाम है। अस्पताल में कोरोना के साथ गंभीर बीमारी होने पर मरीज को आब्जर्वेशन पर रखा जाता है।

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अस्पताल में रोजाना आ रहे 20 से 25 मामले

हालांकि अस्पताल में इन दिनों सामान्य ओपीडी घट गई है, लेकिन विभिन्न वार्डों में मरीज व तीमारदार सहित स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं। अस्पताल में रोजाना 20 से 25 मामले सामने आ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने यहां आने वाले मरीजों, तीमारदारों व अन्य लोगों से अपील की है कि संक्रमण के प्रति बचाव बरतते हुए सभी दिशानिर्देशों का पालन करें। लोगों को जागरूक करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने मेन गेट के समीप एलईडी स्क्रीन भी लगाई है।

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