बर्ड फ्लू की दहशत से शिमला में घटी चिकन की मांग
राजधानी में पहले चिकन कारोबारी लाकडाउन के बाद से मंदी झेल रह
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी में पहले चिकन कारोबारी लाकडाउन के बाद से मंदी झेल रहे थे। अब बर्ड फ्लू की दहशत से राजधानी में मीट व अंडों की मांग में भारी गिरावट आई है। शिमला शहर में चिकन की मांग 50 फीसद से कम रह गई है। बर्ड फ्लू ने अंडे की मार्केट को भी प्रभावित किया है। अंडे की 30 फीसद तक मांग रह गई है। हालांकि सर्दियों में शिमला में अंडे व चिकन की ज्यादा मांग रहती थी।
नगर निगम के लालपानी स्थित स्लाटर हाउस में अब रोजाना करीब एक हजार मुर्गे कट रहे हैं। पहले इनकी संख्या दो हजार से 2500 के बीच रहती थी। विटर सीजन के बावजूद डिमांड में गिरावट होने से मीट कारोबारी भी परेशान हैं। उन्होंने नगर निगम से मीट सप्लाई की मांग कम कर दी है। शिमला में पर्यटन सीजन जोरों पर है। होटलों से भी चिकन की मांग निगम को नहीं मिल रही है।
एजेंसियों से निगम ले रहा प्रमाण पत्र
नगर निगम शिमला ने भी एहतियात बरतना शुरू कर दी है। पंजाब व हरियाणा से जिन एजेंसियों से सप्लाई ली जाती है उनसे प्रमाणपत्र लिया जा रहा है। इसमें एजेंसी साफ कर रही है कि बर्ड फ्लू का कोई लक्षण किसी में भी नहीं है। इसके अलावा शहर में चिकन विक्रेताओं से भी पूरा फीडबैक लिया जा रहा है। इसमें पूछा जा रह है कि मुर्गियों की मौत अप्राकृतिक रूप से तो नहीं हो रही है।
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शिमला में चिकन की मांग में भारी गिरावट आई है। निगम के स्लाटर हाउस में कटने के लिए आने वाले मुर्गो की मांग घटी है। वहीं, मीट की मांग में आंशिक बढ़ोतरी हुई है।
-डा. नीरज मोहन, वेटरनरी हेल्थ ऑफिसर