गोबर के दीयों से रोशन होगी दीपावली
दीपावली पर चाइनिज दीयों को टक्कर देने के लिए गोबर के दीये तैयार किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : दीपावली पर चाइनिज दीयों को टक्कर देने के लिए गोबर के दीये तैयार किए जा रहे हैं। गोबर से बने दीयों और धूप को राजधानी शिमला के उपनगर टुटू स्थित कामनापूर्ण गौशाला में तैयार किया जा रहा है। इस दीपावली के लिए 10 हजार गोबर के दीये बनाने का लक्ष्य रखा गया है। गौशाला कमेटी ने इस कार्य को शुरू कर दिया है। इसे मार्केट में उतारने की तैयारी की जा रही है। गौशाला प्रबंधन कमेटी की बैठक में दीये का दाम 10 रुपये तय किया गया है। इसके अलावा धूप 20 से 50 रुपये में बेचा जा रहा है।
गौशाला प्रबंधन ने पिछले साल भी गोबर के दीये बनाए थे, इस बार गोबर का धूप भी बनाया गया है। इसे बेचने के लिए गौशाला के बाहर एक बिक्री काउंटर भी तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इसे भी शुरू कर दिया जाएगा। गौशाला के संचालकों का कहना है कि अभी यह शुरुआत है। पिछले साल इसका ट्रायल किया गया था जो सफल रहा था। इसके माध्यम से अपने लोगों को यह बताया जा सकता है कि गोबर से बने उत्पाद का इस्तेमाल कर त्योहार मना सकते हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
गौशाला संचालक समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि लोगों की मांग को देखते हुए इस साल भी दीये बनाए जा रहे हैं। गोबर, मुल्तानी, चिकनी मिट्टी व चावल का आटा डाल कर बनते हैं दीये
दीये बनाने का प्रशिक्षण कमेटी ने पंजाब से सीखा है। गोबर के साथ मुल्तानी व चिकनी मिट्टी सहित चावल का आटा इस्तेमाल किया जाता है ताकि दीये सुगंधित बनें, इसके लिए विभिन्न तरह की सुगंध का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।