पर्यटन सीजन पर कोरोना की मार, वीकेंड पर रिज-मालरोड खाली
जागरण संवाददाता शिमला कोरोना संक्रमण का कहर अब राजधानी शिमला के पर्यटन कारोबार पर भ्
जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना संक्रमण का कहर अब राजधानी शिमला के पर्यटन कारोबार पर भी पड़ना शुरू हो गया है। वीकेंड पर राजधानी शिमला में पर्यटकों की आमद न के बराबर रही। शनिवार को बेहद कम पर्यटक शिमला घूमने पहुंचे थे, वहीं रविवार को भी रिज व मालरोड खाली नजर आए। हालांकि इससे पहले वीकेंड पर यहां पर पर्यटकों की काफी चहलपहल रहती थी। पर्यटकों की आमद घटने से कारोबारियों की चिंता भी बढ़ गई है।
शहर के साथ लगते पर्यटन स्थलों कुफरी, नारकंडा और नालदेहरा में भी काफी कम संख्या में पर्यटक घूमने के लिए पहुंचे। होटलों में भी बुकिग काफी कम हो गई है। पर्यटन कारोबार से जुड़े कारोबारियों की मानें तो पर्यटकों ने एडवांस बुकिग रद करवा दी हैं। पिछले साल भी होटल मालिकों को हुआ है नुकसान
कोरोना के चलते वर्ष 2020 में होटल कई महीनों तक बंद रहे थे। दिसंबर महीने से पर्यटकों की चहलपहल बढ़ने के बाद पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटा था। अब कोरोना की दूसरी लहर के चलते एक बार फिर से वही हालत देखने को मिल रहे हैं। कई स्थानों पर नाइट कर्फ्यू से भी शिमला में घटे पर्यटक
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण कई स्थानों पर नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इसका असर भी शिमला में पर्यटकों की आमद पर पड़ रहा है। होटल कारोबारियों की मानें तो इस सप्ताह अधिकांश होटलों में कमरे खाली रहे। कई लोगों ने पहले एडवांस बुकिग करवाई थी, उसे भी रद करवा दिया। दोबारा काम पर बुलाया था स्टाफ
होटल कारोबारियों ने पिछले साल स्टाफ को छुट्टी पर भेज दिया था। दिसंबर और जनवरी महीने से पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटने के बाद दोबारा स्टाफ को काम पर बुलाया था। लेकिन अब दोबारा पिछले साल वाली स्थिति देखने को मिल रही है। वीकेंड पर भी काम नहीं : महेंद्र सेठ
हिमाचल प्रदेश होटलियर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा कि कोरोना के चलते एक बार फिर पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो गया है। काफी बुकिग रद हो गई हैं। वीकेंड पर काम था इस सप्ताह वह भी नहीं है। 10 से 20 फीसद कमरे ही वीकेंड पर बुक हुए हैं। अगले हफ्ते छुट्टियां हैं। उसमें भी कोई ज्यादा बुकिग नहीं आई हैं। स्टाफ सहित होटल के अन्य खर्च को भी पूरा करना मुश्किल हो गया है। यदि ऐसा ही रहा तो होटल कारोबारियों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।