शहर में कियोस्क मशीनों से फिर शुरू होंगे कोरोना टेस्ट
जिला मुख्यालय में कियोस्क से फिर कोरोना के टेस्ट होंगे।
जागरण संवाददाता, शिमला : जिला मुख्यालय में कियोस्क से फिर कोरोना के टेस्ट होंगे। यह फैसला कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए विभाग ने फैसला लिया है। पिछले साल की तरह उपनगर बालूगंज, खलीणी, विकासनगर व संजौली में टेस्टिंग के लिए कियोस्क मशीनें लगाई जाएंगी। यहां आसपास के लोग कोरोना टेस्ट करवा सकते हैं।
दिसंबर 2020 में कोरोना का संक्रमण कम होने से कियोस्क मशीनों से सैंपलिग करने की प्रक्रिया बंद कर दी थी। अब दोबारा संक्रमण बढ़ने से उपनगरों में कियोस्क मशीनें लगाई जाएंगी ताकि अस्पतालों में सैंपलिग का बोझ कम हो सके। कियोस्क में सैंपलिग के लिए रिपन अस्पताल का स्टाफ तैनात किया जाएगा। इस अस्पताल के कोरोना समर्पित बनने के बाद यहां का स्टाफ सैंपलिग में जुटेगा। वर्तमान में रिपन व इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में कोरोना के टेस्ट होते हैं।
जिला निगरानी अधिकारी डा. राकेश भारद्वाज ने कहा कि कियोस्क के जरिए कोरोना टेस्ट करवाने की तैयारी चल रही है। शहर में जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेस्टिंग वैन वैन चलाई जा रही है। इसके माध्यम से ऐसे लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं जो पहले से संक्रमित के संपर्क में आए हैं या उनमें कोरोना के लक्षण हैं और अस्पताल आने में असमर्थ हैं। ऐसे लोगों को घरद्वार टेस्टिंग की सुविधा दी जा रही है।
समय पर टेस्ट करवाएं लोग
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिकतर ऐसे लोगों में संक्रमण ज्यादा प्रभावी है जो बीपी, शुगर, अस्थमा, कैंसर, किडनी सहित अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। संक्रमित होने के बाद ऐसे लोगों की हालत गंभीर हो जाती है और उनकी जान बचाना मुश्किल हो जाता है। जिले में अधिकतर मौतें ऐसे लोगों की हुई हैं, जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। इसका मुख्य कारण लोगों का समय पर टेस्ट न होना व इलाज न मिलना है। जिले में बढ़ रहे मौत के आंकड़े को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिले में टेस्टिंग बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे समय पर कोरोना टेस्ट करवाएं।