कोरोना मरीजों का तनाव दूर करेंगे मनोचिकित्सक
मरीज की मानसिक स्थिति समझने के बाद की जाएगी काउंसिलिंग -मरीजों का
सराहनीय प्रयास
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-मरीज की मानसिक स्थिति समझने के बाद की जाएगी काउंसिलिंग
-मरीजों को जल्द ठीक होने में मददगार होगी यह पहल जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में कोरोना मरीजों का तनाव दूर करने के लिए विशेष प्रयास होगा। मनोविज्ञान विभाग के डाक्टर मरीज की मानसिक स्थिति समझने के बाद उसकी काउंसिलिंग करेंगे। एमएस डा. जनकराज ने बताया कि डाक्टर जरूरत के हिसाब से मरीज का उत्साहवर्धन करते ही हैं। अब इस पर विशेष तौर पर काम किया जाएगा। इससे मरीजों को जल्द स्वस्थ होने में मदद मिलेगी, क्योंकि बीमारी का असर दिमाग पर भी पड़ता है।
कई बार गंभीर संक्रमण के बीच मरीज जीने की इच्छा छोड़ देता है। साथ ही अस्पताल के भीतर अपने साथ तीमारदार न पाकर उसकी परेशानी बढ़ती जाती है। मरीजों की परेशानी दूर करने के लिए अस्पताल प्रशासन मनोविज्ञान विभाग के डाक्टरों की सहायता लेगा। अस्पताल में इन दिनों 300 से अधिक कोरोना मरीज दाखिल हैं। आइसोलेशन वार्ड में दिन-रात डाक्टर, नर्स सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मरीज की देखभाल के लिए तैनात रहते हैं।
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सीसीटीवी से रखी जा रही नजर
अस्पताल में कोरोना मरीजों के सभी वार्डो में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कंट्रोल रूम में पूरी व्यवस्था पर नजर रखी जाती है। एमएस के ऑफिस में भी मरीजों सहित स्टाफ पर नजर रखने के लिए डिस्पले स्क्रीन लगाई गई है।
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तीमारदारों को रोजाना करते हैं अपडेट
कोरोना वार्ड में तीमारदारों के आने पर रोक है, इसलिए उनकी चिंता दूर करने के लिए भी अस्पताल प्रशासन ने कम्युनिकेशन टीम तैयार की है। मरीज के दाखिले के समय तीमारदार का नंबर लिया जाता है, जिस पर रोजाना अस्पताल प्रशासन की टीम कॉल करके मरीज की स्थिति के बारे में जानकारी देती है।