शिमला में कांग्रेस का धरना, आधा घंटा किया चक्काजाम

शहरी कांग्रेस ने कोरोना संकट के दौरान अनलॉक-2 में प्रदेश की सीमाएं पर्यटकों के लिए खोलने के विरोध में धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 06:58 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:58 PM (IST)
शिमला में कांग्रेस का धरना, आधा घंटा किया चक्काजाम
शिमला में कांग्रेस का धरना, आधा घंटा किया चक्काजाम

जागरण संवाददाता, शिमला : शहरी कांग्रेस ने कोरोना संकट के दौरान अनलॉक-2 में प्रदेश की सीमाएं सैलानियों के लिए खोलने के फैसले के विरोध में राज्य सचिवालय के बाहर धरना दिया। इस दौरान छोटा शिमला चौक पर करीब आधे घंटे तक चक्काजाम किया गया। सचिवालय की ओर बढ़ रहे कदमों को रोकने के लिए चौक पर लगे गेट को आधे घंटे तक बंद कर दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले को टालने की मांग की है। कहा कि कांग्रेस प्रदेश में पर्यटन एवं अन्य व्यवसाय की विरोधी नहीं है, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए इस फैसले पर सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि प्रदेश में होटल व्यवसायी व अन्य कारोबारी भी अभी इसके पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में इस निर्णय को तब तक टाल दिया जाना चाहिए जब तक देश से इस महामारी का प्रकोप खत्म नहीं हो जाता। प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों की सही ढंग से स्वास्थ्य जांच न होना इसके फैलाव का मुख्य कारण रहा है। अगर कोविड-19 के सभी सुरक्षा मानकों का सही ढंग से सीमाओं पर पालन किया जाता तो आज प्रदेश इस गंभीर समस्या से बच सकता था। कांग्रेस नेताओं ने उपायुक्त अमित कश्यप के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा।

धरने में पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, शिमला शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, ग्रामीण अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा, हरिकृष्ण हिमराल, वेद प्रकाश ठाकुर, जैनब चंदेल, निर्मला ठाकुर, इंद्र जीत सिंह, आनंद कौशल, सुशांत कपरेट, शशि ठाकुर, सुनीता शर्मा, कृष्णा देवी आकाश सैनी, राहुल मेहरा, धर्मपाल ठाकुर, देवन भट्ट, अतुल गौतम, प्रकाश चंद, रवि राणा, नीरज बख्शी, धीरेंद्र गुप्ता, लाल सिंह, मुकल गुप्ता, जशपाल ठाकुर, हिमांशु कुमरा मौजूद थे। ये रखी मांगें

- बसों में 25 फीसद किराया वृद्धि के प्रस्ताव को रद किया जाए।

- बिजली के बिलों में 125 यूनिट्स से ऊपर की गई बढ़ोतरी को भी वापस ले सरकार।

- राशन की सबसिडी से बाहर किए गए एपीएल परिवारों को पुन: शमिल किया जाए।

- कर्मचारी व पेंशन विरोधी निर्णयों को रद किया जाए।

- कर्मचारियों के भविष्य निधि ब्याज को जो कम किया गया है उसे बढ़ाया जाए।

- सभी कर्मचारियों का डीए बहाल किया जाए।

- डीजल व पेट्रोल की बड़ी कीमतें कम की जाएं।

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