दलबल के साथ पहुंची कांग्रेस, भाजपा के बड़े नेता रहे नदारद
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जागरण संवाददाता, शिमला : सुबह ही अधिकारियों व कर्मचारियों की गाड़ियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर और रोहड़ू के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं के साथ पहुंचे। उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में जिला परिषद अध्यक्ष का चयन होना था, लिहाजा कांग्रेस और भाजपा के कार्यकत्र्ता धीरे-धीरे पहुंचना शुरू हुए।
साढ़े 10 बजे कांग्रेस अपने समर्थित जिला परिषद सदस्यों को गाड़ियों में लेकर उपायुक्त कार्यालय के बाहर पहुंची। कार्ट रोड पर सुबह के समय लगने वाले जाम से बचने के लिए कांग्रेस की गाड़ियां प्रतिबंधित मार्ग से होकर उपायुक्त कार्यालय के बाहर पहुंचीं। सभी सदस्यों ने अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की और सीधे बैठक के लिए निकल गए। इस बीच 11:45 का समय हो चुका था। जिला परिषद् अध्यक्ष चयन को लेकर यह दूसरी बैठक थी। ऐसे में कोरम पूरा करने के लिए 13 ही सदस्यों की जरूरत थी। भाजपा और माकपा के समर्थित जिला परिषद सदस्य नहीं पहुंचे थे। कार्यकत्र्ताओं ने चर्चा शुरू कर दी कि यदि भाजपा नहीं भी आती तो भी कांग्रेस अपना अध्यक्ष बना लेगी क्योंकि उनके पास संख्या बल ज्यादा है। इसी बीच शिमला जिले से कांग्रेस के सभी विधायक, पार्टी के नेता, प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य भी उपायुक्त कार्यालय पहुंच गए। कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्थ थी कि शिमला में उनकी जीत सुनिश्चित है।
11:02 बजे भाजपा समर्थित जिला परिषद सदस्य भी पहुंचे। उनके साथ कोई बड़ा नेता नहीं था। कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की अध्यक्ष शशिबाला सहित अन्य पदाधिकारी उनके साथ पहुंचे। निर्दलीय सदस्यों का साथ जोड़कर भाजपा ने मजबूत होने की कोशिश की, बावजूद इसके जिले से सरकार का कोई भी मंत्री और विधायक समर्थित सदस्यों के साथ नहीं आए। 11:15 बजे माकपा विधायक राकेश सिघा, पूर्व महापौर संजय चौहान सहित अन्य नेता अपने समर्थित सदस्यों के साथ पहुंचे। बैठक का समय सुबह 10 बजे तय किया गया था। लेकिन सदस्यों के देरी से आने के चलते 12 बजे तक वोटिग शुरू नहीं हो पाई। दोपहर 12 बजे के बाद बैठक शुरू हुई। वोटिग से पहले पहुंचे राठौर
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर भी पौने एक बजे के करीब उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। कांग्रेस के जिले के सभी नेता वहां पर मौजूद थे। कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं ने जीत के बाद उपायुक्त कार्यालय के बाहर ही नारेबाजी की। इसके बाद कांग्रेस अपने सभी सदस्यों को लेकर पार्टी कार्यालय पहुंची।