विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने का फैसला गलत : अनिरुद्ध सिंह

कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कोरोना क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 07:41 PM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 07:41 PM (IST)
विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने का फैसला गलत : अनिरुद्ध सिंह
विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने का फैसला गलत : अनिरुद्ध सिंह

जागरण संवाददाता, शिमला : कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कोरोना काल में विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने के प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। शिमला में पत्रकार वार्ता में अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि कोरोना काल में एक तरफ लोग परेशान हैं, दूसरी तरफ सरकार विधायकों की सुख सुविधा बढ़ा रही है, यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि जब तक वह विधायक हैं कभी भी अपनी गाड़ी पर झंडी नहीं लगाएंगे।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अपनी गाड़ी पर कभी लाल बत्ती भी नहीं लगाई। न ही कांग्रेस के किसी विधायक ने झंडी व बत्ती की मांग सरकार से की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ विधायकों की तरफ से ही यह मांग आई है, जिसे सरकार ने मंत्रिमंडल में ले जाकर निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आप जन सेवक हैं तो हर व्यक्ति आपको जानता है। झंडी और बत्ती लगाने से कोई विधायक नहीं बनेगा। इसके लिए जनता के बीच जाकर काम करना पड़ेगा। जो लोग झंडी लगाने की मांग कर रहे हैं वे अगली बार झंडी तो दूर गाड़ी लायक भी नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों को कैसे बेहतर इलाज मिले, इस तरफ ध्यान देना चाहिए, न कि विधायकों की सुख सुविधा को बढ़ाना चाहिए। जब कोर्ट ने लाल बत्ती लगाने पर रोक लगाई तो ऐसे में यह एजेंडा आना ही नहीं चाहिए था। ऐसे में झंडी का सवाल ही नहीं उठता। अनिरुद्ध सिंह ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ओकओवर में बैठकर काम नहीं चलने वाला।

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कैसे होगी खरीद, स्पष्ट करें स्थिति

अनिरुद्ध सिंह ने उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि 17 मई को प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी की थी। इसमें हर विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में 10 लाख रुपये से स्वास्थ्य उपकरण जिनमें आक्सीमीटर, थर्मामीटर, पीपीई किट सहित अन्य सामान खरीद सकते हैं। सरकार ने अभी तक इसकी गाइडलाइन नहीं भेजी है। खरीद के लिए कौन सी सरकारी एजेंसी होगी या सर्टिफाइड एजेंसी होगी यह अभी तय नहीं है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से इस संबंध में बात की, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने उपायुक्त से मुलाकात कर इस मसले पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा, ताकि पंचायत स्तर पर लोगों की विधायक मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि अधिकारी काम करना चाहते हैं, लेकिन जब निर्देश ही स्पष्ट नहीं है तो वे भी मजबूर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में दो-दो एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा है। सांसद अपनी निधि से एंबुलेंस खरीद सकता है, लेकिन विधायकों के लिए भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

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