वीरभद्र का फोटो न होने से गुस्साए समर्थकों ने फाड़े पार्टी के होर्डिग्स
प्रदेश कांग्रेस में आपसी गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश कांग्रेस में आपसी गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 30वीं पुण्यतिथि पर शुक्रवार को कांग्रेस ने कांगड़ा से राहत कार्य अभियान शुरू किया। इसको लेकर प्रदेशभर में कांग्रेस ने होर्डिग्स लगाए थे। इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की फोटो न होने पर उनके समर्थक भड़क गए। शिमला में उन्होंने रात को इन होर्डिग्स को फाड़ दिया। विक्ट्री टनल के पास लगे होर्डिग को पहले फाड़ा गया। उसके बाद कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन की छत पर चढ़कर होर्डिग फाड़ा गया। समर्थकों ने इसकी वीडियो बनाई और इसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी कर दिया।
कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व मंत्री जीएस बाली को कोरोना रिलिफ कमेटी का प्रदेश प्रभारी बनाया है। शिमला में जो होर्डिग्स लगे थे उनमें एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, जबकि दूसरी तरफ जीएस बाली की भी बड़ी फोटो लगी थी। टाप पर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित राहुल गांधी, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की फोटो थी। होर्डिग्स में जिला कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत छाजटा की फोटो भी थी।
देवन भट़्ट नाम के व्यक्ति ने होर्डिग्स फाड़ने के वीडियो को वायरल किया है। उसने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा है कि होर्डिग्स में वीरभद्र सिंह की फोटो होनी चाहिए थी। वीरभद्र सिंह ने ही प्रदेश में कांग्रेस को मजबूती देकर एकजुट किया। उनके अपमान से कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं। पोस्ट में उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और शिमला ग्रामीण के विधायक से माफी भी मांगी है। पार्टी हाईकमान से मांग की है कि प्रदेश में इस तरह की गुटबाजी को खत्म किया जाए।
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पार्टी से किए निलंबित
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कार्यकर्ता देवन भट्ट व दीपक खुराना को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए उन्हें 15 दिन के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। पार्टी महासचिव रजनीश किमटा ने इन दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि पोस्टर, फ्लेक्स फाड़ने का पार्टी आलाकमान ने कड़ा संज्ञान लिया है। किमटा ने बताया कि राठौर ने इसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का, विशेष कर राजीव गांधी का अपमान बताया है, जो कभी सहन नहीं किया जा सकता। अगर उन्हें कोई आपत्ति थी तो वे इसे दर्ज करवा सकते थे।