ऑक्सीजन उत्पादन व भंडारण क्षमता बढ़ाने का निर्देश
कोरोना संक्रमण को बढ़ता देख मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश मे
राज्य ब्यूरो, शिमला : कोरोना संक्रमण को बढ़ता देख मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश में ऑक्सीजन के उत्पादन के साथ भंडारण क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए। भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से राज्य को डी-टाइप के 5000 और बी-टाइप के 3000 सिलेंडर उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को शिमला से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से राज्य के ऑक्सीजन उत्पादकों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इस वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए समाज में एक-दूसरे की सहायता करना हम सबका दायित्व बनता है। राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन सरप्लस है, लेकिन इसके परिवहन के लिए अतिरिक्त सिलेंडर की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन उत्पादकों को अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित करने को कहा, ताकि इसका उपयोग कर मानव जीवन को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन के रिसाव और अपव्यय को भी प्रभावी ढंग से रोकने की जरूरत है। कोविड-19 मरीजों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत को देख इसकी खपत भी काफी बढ़ गई है। केंद्र से राज्य के लिए 15 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन कोटे को बढ़ाकर 30 मीट्रिक टन करने का आग्रह किया है। आइजीएमसी के ऑक्सीजन प्लांट की उत्पादन क्षमता 20 मीट्रिक टन तक बढ़ाई जाएगी। राज्य सरकार निजी ऑक्सीजन उत्पादकों के विभिन्न मुददों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और उन्हें समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगी। इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग रामसुभग सिंह, आयुक्त उद्योग हंसराज शर्मा, विशेष सचिव अरिदम चौधरी और मंडी, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर व ऊना के उपायुक्त भी शामिल हुए। इनके अलावा प्रदेश में स्थापित ऑक्सीजन संयंत्रों के मालिक सुधांशु कपूर, सुरेश शर्मा, पुष्पेंद्र मित्तल, विशांत गर्ग, अजय मोदी, रोहित मित्तल, हर्ष गुप्ता और रवि धीमान भी मौजूद रहे।