महिलाएं बोलीं, आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएं बनाएं

महिलाओं का दर्द यह है कि विवाह होने के बाद ससुराल आने पर उनके

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 08:24 PM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 08:24 PM (IST)
महिलाएं बोलीं, आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएं बनाएं
महिलाएं बोलीं, आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएं बनाएं

राज्य ब्यूरो, शिमला : महिलाओं का दर्द यह है कि विवाह होने के बाद ससुराल आने पर उनके नाम पर कुछ नहीं होता है। मकान हो या जमीन, सब पुरुषों के नाम पर होता है। सरकार ने महिलाओं को सम्मान प्रदान करने के लिए 'मुख्यमंत्री एक बीघा योजना' पर पसंद का काम करने का प्रावधान किया है, जिससे वह आत्मनिर्भर बन रही हैं। सरकार इसी तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए और योजनाएं भी लाए।

यह बातें वीरवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से आयोजित संवाद कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह की सदस्यों ने कहीं। मंडी सदर की तिल्ली कहनवाल पंचायत के शिव शंभू सहायता समूह की कमलेश कुमारी, ऊना के हरोली के आन्या स्वयं सहायता समूह की प्रोमिला कालिया और हमीरपुर के रंगस न्यू आजीविका समूह की रीना चंदेल ने मुख्यमंत्री एक बीघा योजना को महिलाओं के जीवन में बड़ा क्रांतिकारी बदलाव बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि महिलाओं के लिए ऐसी और योजनाएं शुरू होनी चाहिए। मायके से ससुराल आने पर उन्हें सम्मान तो मिलता है मगर अभी तक अधिकार से वंचित हैं।

जयराम ने कहा कि स्वयं सहायता समूह कोरोना मरीजों के परिवारों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एक परिवार के सभी सदस्यों के संक्रमित होने पर स्वयं सहायता समूहों ने उनके पशुधन, कृषि गतिविधियों में सहायता करने में अहम भूमिका निभाई है। 'मुख्यमंत्री एक बीघा योजना' ग्रामीण महिलाओं की कृषि से आय बढ़ाने में वरदान सिद्ध हुई है। इसके तहत स्वयं सहायता समूह की कोई भी महिला, जिनके पास मनरेगा जॉब कार्ड हो, एक लाख रुपये तक का लाभ ले सकती है। कोरोना काल में महिलाओं की भूमिका

महिलाओं ने बताया कि कोरोनाकाल में स्वयं सहायता समूहों ने मास्क बनाकर लोगों में बांटने का कार्य किया। इसके अलावा काढ़ा तैयार करना, खिचड़ी बनाकर बांटना, घर-गांव को सैनिटाइज करना, लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए जागरूक करने जैसे कार्य किए जा रहे हैं। छह स्वयं सहायता समूहों से हुई बात

वर्चुअली संवाद कार्यक्रम में 13 स्वयं सहायता समूहों में से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने छह समूहों की महिलाओं के साथ बात की। पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 25 स्वयं सहायता समूहों की सूची तैयार की थी। तीन हजार महिलाओं ने ब्लॉक व जिला स्तर पर कार्यक्रम से जुड़कर मुख्यमंत्री की बातें सुनी।

chat bot
आपका साथी