एफसीए प्रस्तावों को शीघ्रता से निपटाएं

वनाधिकार कानून के तहत अब तक सरकार ने 1561 मामलों को मंजूदी दे दी है। एक साल के भीतर ही 454केसों को स्वीकृति प्रदान की गई। इससे जुड़े नियमों का सरलीकरण का मुद्दा केंद्र के साथ प्रमुखता से उठाया गया है। इसके अलावा वन सरंक्षण कानून यानी एफसीए के एक साल में 103 मामलों को स्वीकृति दी गई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दी। वह एफसीए के लंबित मामलों को लेकर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वन मंजूरी के कारण विकास की गति बाधित न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एफसीए के मामलों को स्वीकृति देने के मामलों में तेजी लाई गई है। मु

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 09:24 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 09:24 PM (IST)
एफसीए प्रस्तावों को शीघ्रता से निपटाएं
एफसीए प्रस्तावों को शीघ्रता से निपटाएं

राज्य ब्यूरो, शिमला : वन अधिकार कानून के तहत अब तक सरकार ने 1561 मामलों को मंजूदी दे दी है। एक साल के भीतर ही 454 केसों को स्वीकृति प्रदान की गई।

इससे जुड़े नियमों का सरलीकरण का मुद्दा केंद्र के साथ प्रमुखता से उठाया गया है। इसके अलावा वन सरंक्षण कानून (एफसीए) के एक साल में 103 मामलों को स्वीकृति दी गई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दी। वह एफसीए के लंबित मामलों को लेकर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा मंजूरी के कारण विकास की गति बाधित न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एफसीए मामलों को स्वीकृति देने के मामलों में तेजी लाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा वन विभाग को ऐसे एफसीए मामलों को प्राथमिकता से उठाना चाहिए, जो चरण-दो पर हैं और जिनको स्वीकृति प्रदान करने के लिए न्यूनतम औपचारिकताओं की आवश्यकता है। कुल 103 एफसीए मामलों में से 44 सड़क परियोजनाओं के, 11 ट्रांसमिशन लाइनों के बारे में, चार ¨सचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग से संबंधित, 14 जल विद्युत और शेष अन्य तीन मामले हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा सरकार की ओर से एफआरए के 1561 मामलों को आज तक मंजूरी प्रदान की गई है। इसमें से 454 मामलों को पिछले वर्ष के दौरान मंजूरी दी गई थी। राज्य सरकार ने हिमाचल के मामलों को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय को देहरादून से चंडीगढ़ के साथ जोड़ने मामला भी केंद्र के साथ प्रमुखता से उठाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मौजूदा एफआरए नियमों के सरलीकरण का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न एफसीए और एफआरए प्रस्तावों को व्यक्तिगत रुचि लेकर शीघ्रता से निपटाने के निर्देश दिए। बैठक में वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन अजय कुमार, मुख्य अरण्यपाल अर्चना, प्रमुख अभियंता आरपी वर्मा समेत अन्य मौजूद रहे।

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