त्योहारी सीजन में सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं शहर के बाजार

शहर के बाजार काफी संवेदनशील हैं। यहां बने पुराने भवन लक्कड़ से बने हैं जो आग लगने पर घी डालने का काम करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 08:30 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 08:30 PM (IST)
त्योहारी सीजन में सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं शहर के बाजार
त्योहारी सीजन में सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं शहर के बाजार

जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के बाजार काफी संवेदनशील हैं। यहां बने पुराने भवन लक्कड़ से बने हैं, जो आग में घी डालने का काम करते हैं। रोजाना हजारों लोग यहां पर खरीदारी करने पहुंचते हैं, लेकिन शहर के बाजारों में अग्निशमन की गाड़ियां पहुंचना मुश्किल है। त्योहारी सीजन में यहां पर अग्निकांड की घटनाओं की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। बाजार में दुकानों के बाहर सामान आधी सड़क तक लगा दिया जाता है। इससे अग्निशमन विभाग के वाहनों को निकलने के लिए जगह तक नहीं बचती है। हर महीने के पहले सप्ताह में यहां से अग्निशमन विभाग के वाहन को गुजारा जाता है। हर बार कई स्थानों पर वाहन फंसता है। राजधानी में लगे सभी हाइड्रेंट की स्थिति पर रिपोर्ट तलब

शहर में त्योहारी सीजन के दौरान आग की घटना हो तो इससे निपटने के लिए अग्निशमन विभाग ने राजधानी में लगे सभी हाइड्रेंट की स्थिति पर रिपोर्ट तलब की है। इसमें ये खंगाला जाएगा कि कितने हाइड्रेंट खराब पड़े हैं और कितने सड़कों तो कितने डंगों के नीचे दफन हो चुके हैं। कई हाइड्रेंट सड़क तो कुछ डंगों में हैं दबे, अब कर रहे शहर में सर्वे

अग्निशमन विभाग के मुताबिक, शिमला शहर से लेकर छोटा शिमला व बालूगंज तक 245 हाइड्रेंट हैं। इनकी हालत को जानने के लिए विभाग की ओर से सर्वे करवाया जा रहा है। इस सप्ताह के अंत तक इनकी रिपोर्ट आएगी। पहले हुए सर्वे में करीब 100 हाइड्रेंट दबे व खराब मिले थे। इनका पता लगाने के लिए विभाग ने अब फिर से मुहिम चलाई है। अग्निशमन विभाग के स्टेशन फायर आफिसर टेकचंद ने बताया कि हाइड्रेंड की हालत पता करने के लिए सर्वे किया जा रहा है। फेस्टिवल सीजन के दौरान पटाखों से भरी रहती हैं कई दुकानें

दीपावली के दौरान बाजार में पटाखों का स्टाक रहता है। इसलिए आग लगने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। त्योहारी सीजन में शहर में आग के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। यहां पर हल्की सी चिंगारी बड़ा नुकसान कर सकती है।

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