फर्जी डिग्री मामले में सीआइडी की एसआइटी ने शुरू की जांच, 25 राज्य आएंगे जांच की जद में

सोलन के सुल्तानपुर स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री घोटाले की नवगठित सीआइडी की 19 सदस्यीय एसआइटी ने जांच शुरू कर दी है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 04:59 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 04:59 PM (IST)
फर्जी डिग्री मामले में सीआइडी की एसआइटी ने शुरू की जांच, 25 राज्य आएंगे जांच की जद में
फर्जी डिग्री मामले में सीआइडी की एसआइटी ने शुरू की जांच, 25 राज्य आएंगे जांच की जद में

शिमला, जेएनएन। सोलन के सुल्तानपुर स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री घोटाले की नवगठित सीआइडी की 19 सदस्यीय एसआइटी ने जांच शुरू कर दी है। जांच की जद में देश भर के करीब 27 राज्य आएंगे। इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले ही कई महीनों से जांच कर रहा है। अब आयकर विभाग भी अलग से जांच करेगा। वह आय के स्रोतों और डिग्री बेचकर कमाई गई संपत्तियों को जांचेगा। इस संबंध में डीजीपी संजय कुंडू ने आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त से हाल ही में पत्र लिखा था। इसमें विभाग से जांच करने का आग्रह किया था। सूत्रों के अनुसार कुंडू के आग्रह का आयकर महकमे ने कड़ा संज्ञान लिया और इस मामले में जल्द कारवाई करने का मन बना लिया है। विश्वविद्यालय के मालिक राजकुमार राणा के पास अकूत संपत्ति है। कभी इसका सत्ता के गलियारों में सिक्का चलता था।

 बाहरी राज्यों में दबिश देने की तैयारी

अब सीआइडी की एडीजीपी एन वेणुगोपाल की अगुवाई वाली नई एसआइटी ने बाहरी राज्यों में दबिश देने की तैयारी में है। निजी संस्थान पैसे दो, डिग्री लो का लंबे अरसे से खेल खेल रहा था। पुलिस की एसआइटी की जांच से इसका खुलासा हो चुका है। मौजूदा मानसून सत्र में घोटाले का मुद्दा कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने उठाया था। उन्होंने सीबीआइ जांच की मांग उठाई थी। लेकिन सरकार ने एसआइटी गठित करने की करने की बात कही। बकौल जयराम ठाकुर सरकार फर्जी डिग्री मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने माना कि फर्जी डिग्री की संख्या लाखों में हो सकती है। उन्होंने सदन में कहा था कि सरकार फर्जी डिग्री बांटने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई जारी रखेगी। इसमें चाहे कोई भी संलिप्त न हो।

सोलन पुलिस ने की थी कार्रवाई

इससे पहले सरकार के निर्देश पर धर्मपुर थाने पर मार्च महीने में तीन केस दर्ज किए गए थे। इसके बाद सोलन पुलिस की एसआइटी ने ताबड़तोड़ छापे मारे। राजस्थान के माधव विश्वविद्यालय से भी रिकॉर्ड कब्जे में लिया था। राणा समेत कई आरोपितों को पकड़ा, कोरोना के कारण जांच धीमी हो गई थी।

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