बांग्लादेशी छात्रों के आधार कार्ड बनाने के मामले में सीआइडी जांच शुरू
शिमला में 80 बांग्लादेशी छात्रों के हॉस्टल के पते पर आधार कार्ड बनाने के मामले सीआइडी ने अपनी जांच शुरू कर दी है।
शिमला, जेएनएन। शिमला में निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले 80 बांग्लादेशी छात्रों के हॉस्टल के पते पर आधार कार्ड बनाने के मामले की सीआइडी ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक सीआइडी की टीम ने मंगलवार को निजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों से पूछताछ की। वहीं भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) के शिमला कार्यालय में छानबीन शुरू हो गई है। साथ ही जिलाधीश राजेश्वर गोयल ने भी मामले की जांच कर एसडीएम ग्रामीण नीरज गुप्ता से रिपोर्ट भेजने को कहा है। उन्हें रिपोर्ट जिलाधीश को सौंपनी होगी।
गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने मंगलवार को ‘शिमला में 80 बांग्लादेशी छात्रों ने बनवा लिए आधार कार्ड’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद गुप्तचर एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। शिमला पुलिस भी अब जांच में जुट गई है कि आखिर विदेशी छात्रों के आधार कार्ड कैसे बन गए। उधर, यूआइडीएआइ के अधिकारियों ने अब इस मामले में चुप्पी साध ली है। हालांकि सरकार के आला अफसर का तर्क है कि चूंकि मामला यूआइडीएआइ से जुड़ा है, वही जांच कर सकता है। यह तो आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी को देखना चाहिए। इसके लिए चंडीगढ़ कार्यालय में संपर्क करना होगा। लेकिन सुरक्षा को सेंध लगाकर जिस तरह से आधार कार्ड बने हैं, उससे पूरे प्रशासन की कार्यप्रणाली कठघरे में आ गई है। दूसरा सवाल यह है कि बांग्लादेशी छात्रों को आधार कार्ड बनवाने की जरूरत क्यों पड़ी। यदि इस प्रकार आधार कार्ड बन सकते हैं तो उसके बाद मतदाता पहचान पत्र बनाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।
मेरे ध्यान में यह मामला नहीं है। मैं प्रदेश से बहार गया था। हां, अगर निजी विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के आधार कार्ड बने हैं तो चिंता का विषय है। इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाऊंगा और जांच करवाने की मांग करूंगा।
-अनिरुद्र्ध सिंह, विधायक कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र
इस मामले में की जांच शुरू कर दी है। अभी इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं कह सकते हैं। मामला काफी संवेदनशील है। जल्द ही पूरे मामले का पटाक्षेप हो जाएगा।
-ओमापति जम्वाल, एसपी शिमला