नौ नाइलेट के खिलाफ चार्जशीट तैयार

260 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ ने नाइलेट (राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 07:53 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 07:53 PM (IST)
नौ नाइलेट के खिलाफ चार्जशीट तैयार
नौ नाइलेट के खिलाफ चार्जशीट तैयार

राज्य ब्यूरो, शिमला : 260 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ ने नाइलेट (राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान) के खिलाफ जांच पूरी कर ली है। नौ संस्थानों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई है। इस पर विधि विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। चार्जशीट इसी महीने कोर्ट में दाखिल की जाएगी।

नाहन, ऊना, कांगड़ा में ये संस्थान खोले गए। संस्थानों में छात्रवृत्तियों का बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ। 8800 मेधावियों के फर्जी दाखिले दर्शाए गए। इन दाखिलों के जरिए छात्रवृत्ति के 30 करोड़ 30 लाख रुपये डकारे गए। ये नौ संस्थान बिना मान्यता या संबद्धता के चलाए गए। इनके माध्यम से छात्रवृत्तियां नहीं ली जा सकती थीं, क्योंकि इनकी पात्रता ही नहीं है। तीन आरोपितों कृष्ण कुमार, राजदीप सिंह, बबीता राजटा ने सुनियोजित तरीके से फर्जीवाड़ा किया। ये तीनों गिरफ्तार हो चुके हैं। तीनों ने मिलकर एडवांस स्किल डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट स्टडीज ग्रुप बनाया। इसके नाहन, ऊना, कांगड़ा व चंबा में स्किल डेवलपमेंट सोसायटी के चार फर्जी संस्थान खोले गए। इन जगहों पर चार फर्जी संस्थान नाइलेट के भी खोले। नौवां संस्थान कांगड़ा के बडूखर में आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) का खोला। इनमें से आठ संस्थानों को 29 करोड़ 80 लाख की छात्रवृत्तियां जारी हुई, जबकि आइटीआइ को 50 लाख रुपये छात्रवृत्ति दी गई। नियमों के अनुसार छात्रवृत्ति का पैसा जारी नहीं हो सकता था।

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किन बैंकों में खोले खाते

आरोप है कि छात्रों के खाते पीएनबी सेक्टर 17 चंडीगढ़, इलाहाबाद बैंक सेक्टर आठ चंडीगढ़, इलाहाबाद बैंक सेक्टर 11 पंचकूला, इलाहाबाद बैंक, सोलन और बैंक ऑफ बड़ोदा चंडीगढ़ में खोले गए। इन बैंकों में 30 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति की रकम आई। इस राशि को एएसए मार्केट सॉल्यूशन और स्किल डेवलपमेंट सोसायटी के खाते में डलवाया गया। वहां से फो‌र्ज्ड यानी जाली डेबिट अथॉरिटी से तीनों ने अपने खातों में डलवाए और हड़प गए। 2019 में करवाई जांच में पाया कि 2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को 210.05 करोड़ रुपये और 18682 सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को मात्र 56.35 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति के दिए गए। आरोपों के अनुसार कई संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार छात्रवृत्ति की मोटी रकम हड़प ली।

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