चांद ने सुहागिनों की ली परीक्षा, 8:34 पर हुए दीदार

राजधानी शिमला में इस बार बारिश के बीच करवाचौथ के चांद का दीदार करने के लिए महिलाओं को आधा घंटा इंतजार करना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 09:12 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:12 PM (IST)
चांद ने सुहागिनों की ली परीक्षा, 8:34 पर हुए दीदार
चांद ने सुहागिनों की ली परीक्षा, 8:34 पर हुए दीदार

रामेश्वरी ठाकुर, शिमला

राजधानी शिमला में इस बार बारिश के बीच करवाचौथ के चांद का दीदार करने के लिए महिलाओं को करीब आधा घंटा इंतजार करना पड़ा। चांद देखने के लिए व्रती महिलाएं परेशान रहीं और चांद निकलने को लेकर उनमें असमंजस की स्थिति बनी रही। तय समय पर जब चांद नहीं निकला तो महिलाओं की चिंता बढ़ने लगी। चांद निकलने का समय रात 7:59 बजे था, लेकिन निकला 8.34 पर।

शिमला में रविवार सुबह से बारिश का मौसम बना रहा। दोपहर बाद हल्की सी धूप खिली तो महिलाओं में उत्साह दिखा, लेकिन थोड़ी देर बाद दोबारा बादल छाने के कारण चांद न निकलने की आशंका बढ़ती रही। शहरभर में विवाहित महिलाओं ने तड़के चार बजे उठकर सरगी के साथ व्रत की शुरुआत की। दिनभर निर्जल रहने के बाद महिलाओं ने शाम को करीब 5:45 बजे करवाचौथ की कथा पढ़ी। शहरभर में जगह-जगह महिलाएं इकट्ठा होकर कथा पढ़ती रहीं।

इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को सुहागी की थाल भेंट की। मान्यता है कि एक-दूसरे को श्रृंगार की वस्तुएं देकर महिलाएं अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद पाती हैं। कथा पूरी करने के बाद महिलाएं चांद के दीदार के लिए बेताब रहीं। सुरक्षा व्यवस्था भी रही चाक-चौबंद

शिमला के रिज मैदान पर हर वर्ष हजारों महिलाएं करवाचौथ का व्रत खोलने पहुंचती हैं। इस वर्ष महिलाओं की संख्या अन्य वर्षो के मुकाबले काफी कम रही। वहीं शहर में करवाचौथ की तैयारी के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी। करवाचौथ के दौरान कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए पांच अधिकारियों को शहर के पांच हिस्सों में बांटा गया था। इसमें एसडीएम ग्रामीण का कार्यभार देख रहे अभिषेक कुमार गर्ग को मालरोड और स्कैंडल प्वाइंट, तहसीलदार शहरी समेद शर्मा को रिज व लक्कड़ बाजार, तहसीलदार शिमला ग्रामीण दीक्षांत ठाकुर को संजौली, छोटा शिमला, विकासनगर और कुसुम्पटी, नायब तहसीलदार शहरी हीराचंद मांटा को लोअर बाजार, कालीबाड़ी और नायब तहसीलदार शिमला ग्रामीण एचएल गेजटा को समरहिल, चौड़ा मैदान, बालूगंज और चक्कर का क्षेत्र सौंपा गया था। दिन भर बारिश रहने के कारण बाजारों सहित मालरोड व रिज पर लोगों की आवाजाही कम रही। बारिश के बाद मौसम ठंडा हो गया था, इस कारण भी महिलाएं कम संख्या में घर से निकलीं। अधिकतर महिलाओं ने घर पर रहकर व्रत पूरा किया।

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