कैप्टन संजय ने लिखी है सामाजिक सरोकारों की नई परिभाषा : मोहन केष्टा

हिमाचल शिक्षा समिति की ओर से सोमवार को वार्षिक साधारण सभा में कैप्टन संजय पराशर को समाजसेवा के लिए पुरस्कृत किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 12:09 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 12:09 AM (IST)
कैप्टन संजय ने लिखी है सामाजिक सरोकारों की नई परिभाषा : मोहन केष्टा
कैप्टन संजय ने लिखी है सामाजिक सरोकारों की नई परिभाषा : मोहन केष्टा

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल शिक्षा समिति की ओर से सोमवार को वार्षिक साधारण सभा का आयोजन विकासनगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर शिमला में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैप्टन संजय पराशर को कोरोनाकाल में समाज को दिए गए योगदान और शिक्षा समिति को आर्थिक सहयोग देने पर सम्मानित किया गया। इस मौके पर शिक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहन केष्टा ने कहा कि प्रदेशभर में कैप्टन संजय ने सामाजिक सरोकारों की नई परिभाषा लिख दी है। कोरोनाकाल में संजय पराशर की ओर से समाज के लिए दिए गए योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

केष्टा ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिरों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए भी पराशर ने अपने संसाधनों से बड़ा सहयोग दिया और अब तक 42 लाख रुपये शिक्षा समिति को दे चुके हैं। इसके अतिरिक्त वह विद्या मंदिरों में मेधावी छात्र सम्मान समारोहों का आयोजन भी करते रहे हैं, जिसके लिए शिक्षा समिति उनका आभार व्यक्त करती है। उन्होंने कहा कि पराशर के सहयोग से ही सरस्वती विद्या मंदिर परागपुर में आधुनिक विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण हो रहा है। अगले वर्ष से इस स्कूल में जमा एक की विज्ञान की कक्षाएं लगनी भी शुरू हो जाएंगी। इसके लिए तमाम औपचारिकताएं जल्द पूर्ण कर ली जाएंगी। इस कार्यक्रम में में संजय पराशर ने 9.49 लाख रुपये का चेक शिक्षा समिति के पदाधिकारियों को सौंपा।

अध्यक्षीय भाषण में संजय पराशर ने कहा कि बेशक शिक्षा समिति और विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिरों में शिक्षा का बेहतरीन माहौल है और बच्चों को शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों, आदर्शो और संस्कारों का पाठ भी पढ़ाया जाता है। कोरोनाकाल में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले कई बच्चों के अभिभावक फीस भरने में असमर्थ थे। उन्हें लगा कि होनहार विद्यार्थियों की पढ़ाई आर्थिक कारणों से प्रभावित नहीं होनी चाहिए, इसलिए उन्होंने आर्थिक टोली प्रमुख होने के नाते 21 लाख रुपये का योगदान दिया। इसके बाद कोरोनाकाल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का हौसला बढ़े, इसके लिए पपरोला, चितपूर्णी और परागपुर में मेधावी छात्र सम्मान आयोजित किए गए। जसवां-परागपुर क्षेत्र के एवीएम स्कूल, परागपुर में विज्ञान में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों की संख्या तो ज्यादा थी, लेकिन विज्ञान प्रयोगशाला न होने के कारण इस विद्यालय में बच्चे, अभिभावक व विद्यालय प्रबंधक मन मसोस कर रह जाते थे। निर्णय लिया कि आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित लैब का निर्माण करवाया जाए। संजय पराशर ने कहा कि उनका सबसे बड़ा ध्येय शिक्षा व रोजगार है। अगर शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा और हर विद्यालय में सारे संसाधन मौजूद रहेंगे तो विद्यार्थी भी हर क्षेत्र में निश्चित तौर पर खुद को साबित करेंगे। विद्या मंदिरों के पूर्व छात्रों को भी इस प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा जा रहा है और रूपरेखा तैयार कर ली गई है। पूर्व छात्रों के सहयोग के बाद विद्या मंदिरों में संसाधन जुटाने में आसानी रहेगी। वह आजीवन हिमाचल शिक्षा समिति के एजेंडे को धरातल पर उतारने के लिए कार्य करते रहेंगे।

कार्यक्रम में विद्या भारती के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री बालकृष्ण, शिक्षा समिति के संगठन मंत्री दिला राम, एचएस के संगठन मंत्री ज्ञान चंद, यशपाल कंवर और शिक्षा समिति के प्रांत व जिला स्तर के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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