आइजीएमसी गेट के समीप लगेगा बूम बैरियर
राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) में जल्द ही बूम बैरियर लगाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) में जल्द ही बूम बैरियर लगाने का काम शुरू होगा। अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लाक तक पहुंचने वाली गाड़ियों के लिए आटोमेटिक बैरियर लगाए जाने की योजना है। इससे डाक्टरों और कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। केवल वही गाड़ियां अस्पताल परिसर में जा सकेंगी जिनमें विशेष प्रकार का टैग लगा हुआ होगा। बैरियर टैग को स्कैन करेगा जिससे उस वाहन को अंदर भेजने की अनुमति मिलेगी। जिन वाहनों में टैग नहीं होगा उन वाहनों को वापस जाना पड़ेगा।
यह बैरियर एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन कक्ष तक पहुंचाने वाली निचली सड़क के बाहर मनचंदा शाप के पास लगाया जाना प्रस्तावित है। हालांकि मौजूदा समय में अन्य वाहनों को रोकने के लिए लोहे की चेन लगाई गई है। लेकिन रात के अंधेरे में कई बार स्थानीय लोग अपनी गाड़ियां पार्क कर जाते हैं और स्टाफ को गाड़ी खड़ी करने की जगह नहीं मिल पाती। मौजूदा समय में नई ओपीडी के आसपास डाक्टरों और कर्मचारियों के करीब 30 वाहन पार्क होते हैं। रोगी कल्याण समिति (आरकेएस) की बैठक में बैरियर बनाए जाने को स्वीकृति मिली है।
आइजीएमसी के एमएस डा. जनकराज का कहना है कि अस्पताल में वाहनों की पार्किग व्यवस्था को सुचारू चलाने के लिए बूम बैरियर लगाया जाना प्रस्तावित है। दोनों ओर खड़े रहते हैं वाहन
मनचंदा से लेकर आइजीएमसी के न्यू ओपीडी ब्लाक तक डाक्टरों और कर्मचारियों के अलावा आसपास रहने वाले लोगों की गाड़ियां सड़क के दोनों ओर खड़ी रहती हैं। प्रशासन के बार-बार इन्कार करने के बावजूद लोग गाड़ियां नहीं हटाते हैं। इससे अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और तीमारदारों को एक्सरे व अल्टासाउंड कक्ष तक पहुंचने में परेशानी होती है। बारिश के दिनों में यहां आवाजाही की समस्या बढ़ जाती थी लेकिन प्रशासन ने पिछले साल इस सड़क पर टारिग करवाई थी। बूम बैरियर बनने से इस रास्ते में वाहनों की कम आवाजाही रहेगी और मरीजों को चलने में परेशानी नहीं आएगी।