एचआरटीसी कर्मियों व पेंशनरों को बड़ी राहत
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के दस हजार सेवारत कर्मियों और
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के दस हजार सेवारत कर्मियों और साढ़े चार हजार पेंशनरों को प्रदेश सरकार बड़ी राहत दी है। इनके करोड़़ों रुपये के देय भत्ते चरणबद्ध तरीके से प्रदान किए जाएंगे। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लंबित बिलों का एक माह में भुगतान होगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को एचआरटीसी की समीक्षा बैठक में की। निगम को पिछले साल भी नियमित बजट के अलावा 259 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता प्रदान की थी। बैठक में मुख्यमंत्री की पिछली घोषणाओं की समीक्षा कर उन्हें जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। अब सरकार निगम को प्रदान की जाने वाली मासिक सरकारी सहायता में पर्याप्त वृद्धि करेगी। निगम में भरे जा रहे 890 पद
बैठक में कहा गया कि निगम की कार्यप्रणाली सुचारू करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 890 पद भरने की प्रक्रिया जारी है। तीन साल में तकनीकी बहुद्देश्यीय सहायक के 1090 और चालक, परिचालक व अन्य स्टाफ के 590 पद भरे गए। दो सौ नई बसें खरीदेगा निगम
जयराम ने कहा कि एचआरटीसी 200 नई बसों की खरीद कर पुरानी बसों को बदलेगा। 2019-20 के दौरान 50 इलेक्ट्रिक वैन और 50 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी गई। बस अड्डों और कार्यशालाओं में सुधार करने और उन्नयन के लिए निगम को 10.50 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। स्मार्ट सिटी योजना के तहत धर्मशाला व शिमला स्थित ढली और लक्कड़-बाजार बस अड्डों में क्षेत्रीय कार्यशालाएं विकसित की जाएंगी। लाकडाउन के दौरान 4618 बसों की ली सेवाएं
जयराम ने कोविड महामारी के दौरान लगे लाकडाउन में देश के विभिन्न भागों में फंसे प्रदेशवासियों की सहायता के लिए निगम की भूमिका की सराहना की। लॉकडाउन के दौरान हिमाचल के विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों को घर लाने के लिए 4618 बसों और ई-टैक्सी की सेवाएं ली गई। प्रदेश सरकार ने नोडल अधिकारियों की ओर से मांगी गई बसों के लिए एचआरटीसी को 13 करोड़ रुपये प्रदान किए। कोविड फंड में किया योगदान
इस दौरान मुख्यमंत्री को निगम के कर्मचारियों ने 32,25,850 रुपये और निगम के पेंशनधारकों ने 17,66,824 रुपये के चेक मुख्यमंत्री कोविड-19 फंड के लिए भेंट किए। बैठक में परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं को निर्धारित समय अवधि में क्रियान्वित किया जाएगा। इस दौरान एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, प्रबोध सक्सेना और जेसी शर्मा, सचिव अक्षय सूद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।