आइजीएमसी में बढ़ाई जाएगी बिस्तरों की संख्या

प्रदेशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मौतों का

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 04:52 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 04:52 PM (IST)
आइजीएमसी में बढ़ाई जाएगी बिस्तरों की संख्या
आइजीएमसी में बढ़ाई जाएगी बिस्तरों की संख्या

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। मामलों के प्रति गंभीरता बरतते हुए आइजीएमसी प्रशासन ने कोरोना मरीजों के लिए बैड (बिस्तरों) की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है।

अस्पताल के ई-ब्लॉक व न्यू ओपीडी ब्लॉक में करीब 50 नए बैड स्थापित किए जाएंगे जहां गंभीर व अति गंभीर कोरोना मरीजों को दाखिल किया जाएगा। इन बिस्तरों के साथ ऑक्सीजन सप्लाई की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि गंभीर अवस्था वाले मरीजों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन दी जा सके। मौजूदा समय में अस्पताल में प्रदेशभर के करीब 130 मरीज दाखिल हैं, जो कि गंभीर व अति गंभीर अवस्था में हैं। वहीं प्रदेशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्थिति और गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है। आइजीएमसी में ई-ब्लॉक के अलावा मेकशिफ्ट अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। आइजीएमसी के मेडिसिन स्टोर इंचार्ज डा. राहुल गुप्ता ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की परेशानी न आए इसके लिए सरकार के निर्देशों के बाद बैड की संख्या को बढ़ाया जाएगा। इसकी व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल अस्पताल में 50 नए बैड लगाए जाएंगे, जरूरत पड़ने पर बैडों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि आइजीएमसी में गंभीर व अति गंभीर मरीजों को भर्ती करवाया जाता है। प्रदेशभर के अस्पतालों से रेफर होकर मरीज इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं, इसलिए वार्डों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

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ऑनलाइन ओपीडी का लें सहारा

आइजीएमसी प्रशासन का कहना है कि प्रदेश भर में कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति के बीच लोगों को अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। पिछले साल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने ऑनलाइन ओपीडी की सुविधा शुरू की थी। प्रशासन ने अपील करते हुए कहा कि मरीज डाक्टरी परामर्श के लिए ऑनलाइन ओपीडी का सहारा लें, अधिक जरूरी हो तभी अस्पताल का रुख करें। प्रदेशभर से मरीजों की आवाजाही के कारण अस्पताल में भीड़ लगी रहती है, ऐसे में रोजाना आठ से दस मरीजों सहित अस्पताल के कर्मी भी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि भीड़ न बढ़ाएं, ताकि समय रहते कोरोना के संक्रमण से निजात मिल सके। आइजीएमसी में रोजाना दो से 2500 मरीज अपना इलाज करवाने अस्पताल आते हैं, वहीं तीमारदार साथ होने के चलते यह संख्या दोगुनी हो जाती है। सुबह से लेकर शाम तक पर्ची काउंटर, ओपीडी और टेस्ट करवाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है।

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